बढ़ते कोरोना मामलों के बीच राज्यों से बोले मनसुख मांडविया, ऑक्सिजन आपूर्ति का पूरा ध्यान रहे
तैयारियों की समीक्षा भारत कोविड-19 आपातकालीन प्रतिक्रिया एवं स्वास्थ्य प्रणाली तैयारी पैकेज- चरण- दो एक केंद्र प्रायोजित योजना है जो देश भर में चल रही महामारी से उत्पन्न खतरे को रोकने, पता लगाने और इसको लेकर प्रतिक्रिया तथा आपातकालीन प्रतिक्रिया और तैयारियों के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्रणाली को मजबूत करने के लिए है।डिजिटल संवाद के दौरान, उन्होंने इन राज्यों में कोविड-19 को नियंत्रित करने और प्रबंधित करने के साथ-साथ टीकाकरण अभियान की प्रगति के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य तैयारियों की समीक्षा की।
बजट का सही इस्तेमाल किया जाए- हेल्थ मिनिस्टरस्वास्थ्य मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि मांडविया ने राज्यों से भौतिक बुनियादी ढांचे के मामले में मजबूत तैयारी करने और ईसीआरपी-दो के तहत स्वीकृत धन का कुशलतापूर्वक उपयोग करने का आग्रह किया। उन्होंने राज्य के स्वास्थ्य मंत्रियों से ईसीआरपी-दो के तहत भौतिक गतिविधियों के कार्यान्वयन की समीक्षा करने का अनुरोध किया। यह भी सुझाव दिया गया था कि पोर्टल पर राज्यों द्वारा बिस्तर, पीएसए संयंत्र, ऑक्सीजन उपकरण जैसे बुनियादी ढांचे की परिचालन स्थिति पोर्टल पर भरी जाए।
बयान में कहा गया है कि भविष्य में किसी भी स्थिति से निपटने के लिए उन्हें चालू किया जाना चाहिए और एक कार्यात्मक स्थिति में रखा जाना चाहिए। इस बात पर जोर दिया गया कि कोविड के खिलाफ लड़ाई में वास्तविक समय के डेटा-संचालित विश्लेषण और सूचना-आधारित निर्णयों के लिए, राज्यों को अपने डेटा को निगरानी पोर्टलों पर अद्यतन करना चाहिए। इससे कई स्तरों पर तैयारियों की योजना बनाने और उनका आकलन करने में मदद मिलेगी।
दवाओं, ऑक्सिजन का स्टॉक कम न होमांडविया ने राज्यों को आवश्यक दवाओं के अतिरिक्त भंडार की समीक्षा करने और यह सुनिश्चित करने की भी सलाह दी कि यदि कोई कमी है, तो उसे पूरा किया जाए। केंद्रीय मंत्री ने राज्यों को सलाह दी कि सभी पात्र आबादी, विशेष रूप से कम टीकाकरण वाले क्षेत्रों और जिलों में टीकाकरण बढ़ाएं। उन्होंने कहा, ‘टीकाकरण से अस्पताल में भर्ती होने की जरुरत कम होती है और स्थिति गंभीर नहीं होती।’
उन्होंने पहचान की गई श्रेणियों के लिए ‘एहतियाती खुराक’ देने पर जोर दिया और राज्यों से जोखिम वाली आबादी का पूर्ण कवरेज सुनिश्चित करने का आग्रह किया। उन्होंने राज्यों से जल्द से जल्द 15-18 वर्ष के पात्र आयु वर्ग के पूर्ण कवरेज में तेजी लाने का भी अनुरोध किया। मांडविया ने कहा कि कोविड का चाहे जो भी स्वरूप हो, ‘जांच-निगरानी-टीकाकरण’ और ‘कोविड उपयुक्त व्यवहार’ का पालन करना कोविड प्रबंधन के लिए महत्वपूर्ण आधार बना हुआ है।
बयान में कहा गया है कि राज्यों को आईसीएमआर, एनसीडीसी के क्षेत्रीय अधिकारियों, हवाई अड्डे के जन स्वास्थ्य अधिकारियों और राज्य निगरानी अधिकारियों के साथ नियमित बैठकें करने की सलाह दी गई है। मांडविया ने ई-संजीवनी जैसे प्लेटफार्मों के माध्यम से टेली-परामर्श के महत्व पर प्रकाश डाला और राज्यों को इसे हर जिले में स्थापित करने की सलाह दी।
चौबीस घंटे काम करना चाहिए- हेल्थ मिनिस्टरकेंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, ‘उन्हें चौबीसों घंटे काम करना चाहिए… यह महत्वपूर्ण है कि लोग उपलब्ध स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे और सेवाओं के बारे में जानें। राज्यों को उनकी उपलब्धता को प्रचारित करने और उनकी निगरानी के लिए नियंत्रण कक्ष स्थापित करने की जरूरत है।’ केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने घर पर पृथकवास दिशानिर्देशों का सख्ती से पालन करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने राज्यों से यह सुनिश्चित करने का भी आग्रह किया कि स्वास्थ्य कर्मियों को घर पर पृथकवास में निगरानी के लिए प्रशिक्षित किया जाए।
फोटो और समाचार साभार : नवभारत टाइम्स