ज्‍यादा फैट, शुगर वाले पैकेटबंद सामान पर सिगरेट पैकेट जैसी चेतावनी! एक्‍सपर्ट्स-नेताओं के एक सुर

ज्‍यादा फैट, शुगर वाले पैकेटबंद सामान पर सिगरेट पैकेट जैसी चेतावनी! एक्‍सपर्ट्स-नेताओं के एक सुर
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नई दिल्ली डिब्बाबंद खाद्य और पेय पदार्थों के पैकेट में चेतावनी की व्यवस्था को सांसदों ने भी जरूरी बताया है। एम्स के विशेषज्ञों ने भी कहा है कि पैकेट पर आसानी से समझ आने वाली सूचना से लोग नुकसानदेह चीजें खाने से परहेज करेंगे।

आईसीएमआर की रिपोर्ट के मुताबिक साल 2016 से डायबिटीज और हृदय रोग जैसे गैर संक्रामक रोगों से देश में लगभग 60 लाख मौतें हुईं। ये साल की कुल मौत का 62% था। एक्सपर्ट के मुताबिक नमक, चीनी और फैट की अधिकता वाली खाने-पीने की चीजें इन बीमारियों की एक बड़ी वजह बनती हैं।

बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री और राज्य सभा सांसद सुशील मोदी ने सेहत के लिए नुकसानदेह खाद्य पदार्थों पर सख्त स्वास्थ्य चेतावनी की वकालत की है। उन्होंने कहा कि फैट, नमक या चीनी की अधिकता वाली पैकेटबंद चीजों पर सिगरेट के पैकेट की तर्ज पर चेतावनी दी जानी चाहिए। जैसे सिगरेट के पैकेट पर लिखा होता है- ‘धूम्रपान स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।’ इससे लोगों को स्वस्थ और सुरक्षित विकल्प चुनने में मदद मिलेगी।सुशील मोदी ने यह बात इंस्टिट्यूट फॉर गवर्नेंस, पॉलिसीज एंड पॉलिटिक्स की ओर से आयोजित एक सेमिनार में कही।

राज्य सभा सांसद लेफ्टिनेंट जनरल डीपी वत्स ( रिटायर्ड) ने कहा कि जीवनशैली और हाइली प्रोसेस्ड पैकेज्ड फूड ने देश के स्वास्थ्य ही नहीं अर्थव्यवस्था के लिए भी बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है। वरिष्ठ राज्यसभा सांसद दीपक प्रकाश ने विशेषकर ग्रामीण भारत में इसे लेकर जागरूकता की जरूरत बताई।

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के मेडिसिन विभाग में प्रोफेसर और मधुमेह रोग विशेषज्ञ डॉ नवल के. विक्रम ने गैर संक्रामक रोगों को कम करने के लिए पैकेट में चेतावनी की व्यवस्था को जरूरी बताया। उन्होंने कहा कि यह कदम डायबिटीज, हृदय रोग और विभिन्न तरह के कैंसर जैसी गैर संक्रामक बीमारियों के संकट को टालने में मदद करेगा।

फोटो और समाचार साभार : नवभारत टाइम्स

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