26 जनवरी को राजपथ पर दिखेगी दूरदराज इलाकों में छिपी नृत्य प्रतिभा
आजादी के अमृत महोत्सव के मौके पर आगामी 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस की परेड में राजपथ पर आपको देश के दूरदराज इलाकों में छिपी नृत्य प्रतिभाओं की एक झलक देखने की मौका मिलेगा। इसके लिए केंद्र सरकार एक नई पहल करने जा रही है। जिसमें नृत्य प्रतियोगिताओं के जरिए देश के कोने-कोने में छिपी प्रतिभाओं को राजपथ की परेड में अपने नृत्य कौशल का परिचय देने मौका दिया जाएगा। यह जानकारी शुक्रवार को संस्कृति राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने दी।
हर साल परेड में स्कूल की टीमें राष्ट्रपति के सामने आकर अपने अपने नृत्य कला का प्रदर्शन करती हैं। लेकिन इस बार परेड में डांस सेग्मेंट के टीम चुनने का तरीका बदला गया है। जिलास्तर से नृत्य प्रतिभाओं को चुना जाएगा। इसीलिए रक्षा मंत्रालय ने इसकी जिम्मेदारी संस्कृति मंत्रालय को सौंपी है। उल्लेखनीय है कि गणतंत्र दिवस परेड के आयोजन की सारी जिम्मेदारी रक्षा मंत्रालय उठाता है।
नृत्य प्रतिभाओं को सामने लाने के लिए संस्कृति मंत्रालय आगामी 17 नंवबर से देशभर में वंदे भारतम नाम से एक नृत्य प्रतियोगिता शुरू करने जा रहा है, जिसमें चार चरण में प्रतियोगियों को पहचानने का काम किया जाएगा। इसके लिए बाकायदा एक पोर्टल व मोबाइल एप भी तैयार किया गया है। पहले चरण में जिला स्तर पर टीमें अपना तीन मिनट का एक डांस परफॉर्मेंस देंगे। टीम में 16-25 साल के आयुवर्ग के 10 से 30 युवा हो सकते हैं। जिसे मोबाइल एप के जरिए भेजा जाएगा। जिला स्तर से चुनी हुई टीम राज्यस्तर पर जाएगी। जहां फिर एक बार परफॉर्मेंस होगा। राज्य स्तर से चुनी हुई टीमें जाेनल स्तर पर जाएंगी। जहां पर उन्हें फिजिकल तौर पर आकर अपनी प्रदर्शन देना होगा।
जोन से चुनी गई टीमें राष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शन के लिए जाएंगी, जहां से चार टीमें चुनी जाएंगी। इन फाइनल टीमों को देश के चुनिंदा प्रफेशलन कोरियोग्राफर्स एक महीने तक परफॉर्मेंस की ट्रेनिंग देंगे। उल्लेखनीय है कि यह प्रतियोगिता डांस की चार विधाओं- फोक, क्लासिकल, ट्राइबल व फ्यूजन में होंगी। प्रतियोगिता का सिलसिला 17 नवंबर से शुरू होकर 19 दिसंबर चल चलेगा। 19 दिसंबर को नई दिल्ली स्थित तालकटोरा स्टेडियम में एक मेगा इवेंट में फाइनल टीमें चुनी जाएंगी। लेखी का कहना था कि इस पहल का मकसद दूरदराज छिपी प्रतिभाओं को सामने लाना और जनभागीदारी को बढ़ावा देना है।
फोटो और समाचार साभार : नवभारत टाइम्स