देश की सुरक्षा से ज्यादा महत्व पर्यावरण को दिया जाना चाहिए? भारत-चीन सीमा विवाद का जिक्र कर SC ने कहा

देश की सुरक्षा से ज्यादा महत्व पर्यावरण को दिया जाना चाहिए? भारत-चीन सीमा विवाद का जिक्र कर SC ने कहा
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नई दिल्ली
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली बेंच ने कहा कि यह सवाल विचार योग्य है कि एक संवैधानिक कोर्ट देश की सुरक्षा को प्रभाव डालने वाले मामलों में पर्यावरण संबंधित मसलों के आधार पर कितना दखल दे सकती है? सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि क्या सेना की जरूरत के मुताबिक रणनीतिक बुनियादी स्ट्रक्चर के विकास के रास्ते में संवैधानिक अदालत को आना चाहिए? सुप्रीम कोर्ट में चार धाम परियोजना के तहत इंडिया चीन सीमा के पास सड़कों के चौड़ीकरण से संबंधित मामले में सुनवाई के दौरान उक्त टिप्पणी की है। सुप्रीम कोर्ट ने हाल के इंडिया चाइना सीमा विवाद की ओर संकेत देते हुए ये बातें कही।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह सवाल है कि क्या हम यह कह सकते हैं कि देश की सुरक्षा से ज्यादा तरजीह पर्यावरण को दिया जाना चाहिए? केंद्र सरकार ने अपने जवाब में सड़क परियोजना के चौड़ीकरण का कारण राष्ट्रीय सुरक्षा बताया है। हम इस बात से इनकार नहीं कर सकते हैं कि ऊंचाई पर राष्ट्रीय सुरक्षा दाव पर लगी हुई है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह एक कठिन स्थिति है अदालत के लिए क्योंकि कोर्ट को केंद्र सरकार ने बताया है कि यह मुद्दा राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा हुआ है।

जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि अगर यह सब टूरिज्म के लिए हो रहा होता तो हम इस मामले में कठिन शर्त लगा सकते थे। लेकिन जब मामला राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा हुआ हो और मामला सीमा की रक्षा से जुड़ा हुआ हो तो फिर हमारे लिए भी कठिन और गंभीर स्थिति हो सकती है। सुप्रीम कोर्ट में एक एनजीओ की ओर से अर्जी दाखिल कर सड़क को चौड़ा करने के लिए स्टेज वन और वाइल्ड लाइफ मंजूरी के खिलाफ अपील की गई। याचिका में कहा गया है कि इस परियोजना के कारण बड़ी संख्या में पेड़ की कटाई होगी और पर्यावरण को भारी नुकसान होगा।

सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सराकर ने कहा कि इस परियोजना का लाभ सुरक्षा के मद्देनजर भी है। कहा गया है कि भारत चीन सीमा पर आर्म्ड फोर्स की तैनाती में और वाहनों की आवाजाही में सहूलियत होगी। केंद्र सरकार की ओर से अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा कि सेना के सदस्यों को ले जाने और सामानों के ट्रांसपोर्टेशन में एक तय सीमा की चौड़ाई की सड़कों की जरूरत है। सेना के आवाजाही के लिए भी यह जरूरी है। केंद्र सरकार के सड़क परिवहन मंत्रालय ने चार धाम परियोजना के लिए 10 मीटर की सड़क की चौड़ाई का समर्थन करने वाली हाई पावर कमिट के बहुमत के राय को मंजूर करने की गुहार लगाई थी।

केंद्र सरकार के सड़क परिवहन मिनिस्ट्री ने चार धाम परियोजना के लिए 10 मीटर सड़क की चौड़ाई का समर्थन करने वाली हाई पावर कमिटी की सिफारिश का समर्थन किया है। केंद्र ने कहा कि कोर्ट द्वारा नियुक्त कमिटी के 26 में से 21 मेंबरों द्वारा आर्मी के भारत चीन सीमा पर आने जाने के मद्देनजर रास्ता चौड़ा करने पर सहमति दी है।
डिफेंस मिनिस्ट्री ने कहा था कि भारत चीन सीमा पर मौजूदा जो स्थिति है, उसको देखते हुए सड़क की जो मौजूदा चौड़ाई तय है उसे 5.5 मीटर से बढ़ाकर 7 मीटर किया जाना चाहिए। केंद्र सरकार के अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा था कि रोड को सात मीटर चौड़ा करने की जरूरत है। साथ ही सड़कों के किनारे डेढ़-डेढ मीटर फूटपाथ जैसे कंस्ट्रक्शन की जरूरत है। ये सड़क चीन की सीमा तक जाने वाली है और ऐसे में ये नैशनल महत्व का मामला है।

फोटो और समाचार साभार : नवभारत टाइम्स

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