नेवी को चाहिए नए यूटिलिटी हेलिकॉप्टर, 2008 से अब तक नहीं बनी बात
को अपनी जरूरतें पूरी करने के लिए नए यूटिलिटी हेलिकॉप्टर की जरूरत है। इस बारे में 2008 से नेवी अपना केस आगे बढ़ा रही है, लेकिन अब तक बात नहीं बन पाई है। नेवी को 60 साल पुराने चेतक हेलिकॉप्टर से काम चलाना पड़ रहा है।
नौसेना नेवल यूटिलिटी हेलिकॉप्टर की काफी वक्त से मांग कर रही है। अभी जो चेतक हेलिकॉप्टर हैं इनका एंड्योरेंस कम है। यानी वो कम वक्त तक हवा में रह सकते हैं। जबकि नेवी की जरूरत के हिसाब से ज्यादा एंड्योरेंस वाले आधुनिक हेलिकॉप्टर की जरूरत है। नेवी ने स्ट्रैटजिक पार्टनरशिप मॉडल के तहत यूटिलिटी हेलिकॉप्टर लेने का केस आगे बढ़ाया था।
हालांकि, एचएएल (हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड) की तरफ से कहा गया कि वह नेवी के लिए नए यूटिलिटी हेलिकॉप्टर बनाएगी। इसके बाद स्ट्रैटजिक पार्टनरशिप मॉडल के तहत हेलिकॉप्टर लेने का प्रस्ताव लटक गया।
एचएएल ने जो हेलिकॉप्टर बनाए वो नेवी की जरूरतों को पूरा नहीं करते। एचएएल ने फिर इनमें बदलाव की बात कही। एक अधिकारी के मुताबिक, नेवी की जरूरत आर्मी और एयरफोर्स से अलग है। समंदर में इस्तेमाल करने के लिए अलग तरह के मल्टीरोल हेलिकॉप्टर की जरूरत होती है। जमीन में लैंडिंग के लिए हेलिकॉप्टर किसी भी दिशा से आ सकता है लेकिन चलते हुए शिप में ऐसा मुमकिन नहीं हो पाता। हालांकि, ब्लेड सिस्टम और रोटर हेड के डिजाइन के जरिये इस कमी को काफी हद तक दूर किया जा सकता है।
एंटी सबमरीन वॉरफेयर में हेलिकॉप्टर को बहुत नीचे उड़ना पड़ता है और कई घंटों तक हवा में रहना पड़ता है। लिहाजा, ज्यादा एंड्योरेंस की जरूरत होती है। अगर कोई दिक्कत आ जाए तो हेलिकॉप्टर को इस तरह टेकऑफ कराना होता है कि वह पानी में बैठ जाए। ऐसे में नेवी के हेलिकॉप्टर का बॉटम नाव की तरह होना चाहिए। नेवी के हेलिकॉप्टर वॉरशिप में रहते हैं। वॉरशिप में जगह बहुत अहम होती है। इस तरह नेवी को ऐसे हेलिकॉप्टर की जरूरत है जिसका ब्लेड और टेल फोल्ड हो सके।
नेवी यूटिलिटी हेलिकॉप्टर का इस्तेमाल रेस्क्यू मिशन से लेकर निगरानी रखने के लिए भी करती है। समुद्र में एक शिप से दूसरे शिप तक सामान और लोगों को पहुंचाने के लिए भी इसका इस्तेमाल होता है। नेवी के एक अधिकारी के मुताबिक, चेतक अच्छे हेलिकॉप्टर हैं लेकिन पुराने हो गए हैं। उसकी टेक्नॉलजी भी पुरानी हो गई है और कुछ मेनटिनेंस इश्यू भी हैं।
फोटो और समाचार साभार : नवभारत टाइम्स