फफक-फफकर रो पड़े पूर्व मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू, पूछा- 'आखिर मुझे किस कसूर में कैबिनेट से हटाया?'
पंजाब में रविवार को सीएम चरणजीत सिंह चन्नी के कैबिनेट विस्तार में जहां कुछ नए चेहरों को जगह दी गई तो कई पुराने दिग्गजों की छुट्टी हुई। कांग्रेस के सीनियर नेता बलबीर सिंह सिद्धू और गुरप्रीत सिंह कांगर भी उन्हीं कद्दावर नेताओं में शुमार हैं जिनकी कुर्सी गई है। इन दोनों नेताओं ने पूछा है कि आखिर उन्हें किस कसूर की सजा दी गई है।
कैप्टन अमरिंदर सिंह की अगुवाई वाली पिछली कैबिनेट में बलबीर और गुरुप्रीत दोनों शामिल थे। उन्होंने आलाकमान से सवाल किया है कि उनसे क्या गलती हो गई कि उन्हें मंत्रिमंडल से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया।
चन्नी कैबिनेट के विस्तार से कुछ पहले दोनों नेताओं ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की। बलबीर इस दौरान खुद को संभाल नहीं पाए और सुबक-सुबककर रोने तक लगे। उन्होंने आलाकमान से पूछा, ‘आखिर मेरी गलती क्या है?’
बलबीर ने कहा, ‘मैं पार्टी हाईकमान से पूछना चाहता हूं कि आखिर मुझसे क्या गलती हो गई कि मंत्रिमंडल से बाहर कर दिया गया।’ पिछली कैबिनेट में बलबीर स्वास्थ्य मंत्री थे। उन्होंने कहा, ‘उन्हें मुझसे इस्तीफा देने के लिए कहना चाहिए था। मैं खुशी-खुशी दे देता।’
बलबीर बोले कि उनके क्षेत्र के लोग बहुत निराश हैं। उन्हें मिनिस्ट्री जाने का दुख नहीं है, न ही सत्ता का लालच है। अफसोस इस बात है कि बेइज्जत करने की क्या जरूरत थी। उन्होंने कहा, ‘आखिर हमें शर्मिंदा करने की क्या जरूरत थी।’
बलबीर ने कहा कि जब कोरोना की दूसरी लहर पीक पर थी तो वह दिनरात लोगों की सेवा में लगे थे। इसके बावजूद उन्हें कैबिनेट में जगह नहीं दी गई। बलबीर के साथ कांगर ने भी आलाकमान से यही सवाल किया।
गुरप्रीत सिंह के पास पावर डिपार्टमेंट था। उन्होंने दावा किया कि वह कड़ी मेहनत से काम कर रहे थे। देर रात वह लोगों की बिजली से जुड़ी समस्याएं सुनते थे और उनका समाधान करने की कोशिश करते थे। जब उनके पास रेवेन्यू डिपार्टमेंट था तो उस वक्त उन्होंने पूरे रिकॉर्ड का डिजिटलीकरण कर दिया था।
चरणजीत सिंह चन्नी ने 20 सितंबर को पंजाब के सीएम पद की शपथ ली थी। इसके छह दिनों बाद रविवार को कैबिनेट विस्तार के तहत मंत्रियों को शपथ दिलाई गई। सभी मंत्रियों को राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने चंडीगढ़ के राजभवन में शपथ दिलाई।
फोटो और समाचार साभार : नवभारत टाइम्स