'अमरिंदर ने जब खालिस्तानी समर्थक कनाडाई मंत्री से कर दिया था मिलने से मना', कैप्टन के इस्तीफे के बाद पार्टियों का रिऐक्शन
बीजेपी की यूथ विंग भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय महासचिव तजिंदर पाल सिंह बग्गा ने ट्विटर पर लिखा, ‘कैप्टन साहब के लिए दुख हो रहा है। कांग्रेस पार्टी में वह एकमात्र देशभक्त व्यक्ति थे। उन्होंने कनाडाई मंत्री से मिलने से मना कर दिया था क्योंकि वह खालिस्तान समर्थक था।’
बग्गा ने जिस घटना का जिक्र किया है, वह कुछ साल पहले की है। 2017 में कनाडा के तत्कालीन रक्षा मंत्री हरजीत सिंह सज्जन भारत दौरे पर आए थे। उनके भारत आने से पहले ही अमरिंदर सिंह ने साफ कर दिया था कि वह सज्जन से नहीं मिलेंगे क्योंकि सज्जन खालिस्तानी हमदर्द हैं।
वहीं, जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने भी साफ कह दिया है कि कांग्रेस से बहुत ज्यादा अपेक्षा रखना सही नहीं है। अब्दुल्ला ने ट्वीट करते हुए लिखा, ‘मुझे लगता है कि कांग्रेस से यह अपेक्षा करना बहुत ज्यादा है कि वह भाजपा को टक्कर दे पाएगी। खासतौर से यह देखते हुए कि राज्य में उसके नेता ही आपस में लड़ने-भिड़ने पर अमादा हैं।’
भाजपा ने शनिवार को कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री पद से अमरिंदर सिंह का इस्तीफा विधानसभा चुनाव से पहले स्थिति से उबरने के लिए कांग्रेस आलाकमान की बेचैनी को दर्शाता है। पार्टी ने कहा कि राज्य की सत्ताधारी पार्टी बंटा हुआ खेमा है।
भाजपा महासचिव तरुण चुग ने एक बयान में कहा कि कांग्रेस घबराई हुई है क्योंकि उसे चुनावों में हार दिखाई दे रही है। उन्होंने कहा कि पंजाब में कांग्रेस खुद को पुनर्जीवित करने के लिए संघर्ष कर रही है।
केंद्रीय मंत्री व पंजाब से भाजपा सांसद सोम प्रकाश ने कहा कि कैप्टन अमरिंदर सिंह का इस्तीफा स्पष्ट रूप से दिखाता है कि कांग्रेस हताश है क्योंकि वह हर गुजरते दिन के साथ अपनी साख खोती जा रही है।
पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के इस्तीफे पर प्रतिक्रिया देते हुए शिअद (संयुक्त) के नेता परमिंदर सिंह ढींडसा ने कहा कि चुनावी वादे पूरे नहीं होने के आरोपों से पार्टी को बचाने के लिए कांग्रेस ने उन्हें ‘बलि का बकरा’ बनाया है। कांग्रेस की प्रदेश इकाई में अंदरूनी कलह के बीच अमरिंदर सिंह ने शनिवार को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया।
फोटो और समाचार साभार : नवभारत टाइम्स