'UAPA ऐक्ट के तहत दर्ज मामलों में मजिस्ट्रेट जांच नहीं बढ़ा सकता जांच अवधि'
स्पेशल कोर्ट की यूएपीए के तहत हुए अपराध के मामले में छानबीन पूरी करने के लिए समयसीमा बढ़ा सकता है। ऐसे में जहां तक छानबीन की समय बढ़ाने का सवाल है तो मजिस्ट्रेट इसके लिए उपयुक्त नहीं हैं। मध्यप्रदेश हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सादिक और अन्य ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल की थी जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया है। याची को यूएपीए के तहत एसटीएफ भोपाल ने गिरफ्तार किया था। मामले में गिरफ्तारी के 90 दिन बाद जमानत मांगी गई थी और कहा गया था कि इस दौरान जांच एजेंंसी ने चार्जशीट दाखिल नहीं की है लिहाजा जमानत दी जानी चाहिए।
जब मामला हाई कोर्ट पहुंचा तो कहा गया कि सीजेएम ने छानबीन की अवधि 180 दिन कर दी है लिहाजा जमानत का हकदार आरोपी नहीं है। आरोपियों की ओर से सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया और कहा गया कि सीजेएम ने अपने जूरिडिक्शन से आगे जाकर छानबीन की अवधि 180 दिन कर दी है जबकि उन्हें ऐसा करने का अधिकार नहीं
फोटो और समाचार साभार : नवभारत टाइम्स