नीतीश कुमार की ऐसी क्या मजबूरी, PM पद की दावेदारी के लिए पर्दे के पीछे से कर रहे खेल

नीतीश कुमार की ऐसी क्या मजबूरी, PM पद की दावेदारी के लिए पर्दे के पीछे से कर रहे खेल
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पटना
जेडीयू की दो दिवसीय राष्ट्रीय परिषद की बैठक में रविवार को मुख्यमंत्री के सामने कार्यकर्ताओं ने उन्हें बताया। हालांकि, नीतीश कुमार ने स्पष्ट रूप से कहा कि उन्हें इन चीजों में दिलचस्पी नहीं है, ना कोई रूचि है। वह सिर्फ अपना काम कर रहे हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यह भी कहा कि उनकी ऐसी कोई आकांक्षा नहीं है।

जेडीयू को राष्ट्रीय पार्टी बनाने की कोशिश में नीतीश
नीतीश कुमार की जनता दल यूनाइटेड अब देश भर में अपने पार्टी का विस्तार करना चाहती है। जेडीयू इस कोशिश में लगी है कि अब बिहार से बाहर निकलकर देशभर में अपनी स्थिति को मजबूत किया जाए। इसी के तहत जेडीयू दिल्ली, हरियाणा, झारखंड, पश्चिम बंगाल और जम्मू कश्मीर के विधानसभा चुनाव में उतरी थी। हालांकि, इन राज्यों के अलावा राजस्थान, छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में भी जेडीयू का प्रदर्शन काफी खराब रहा था। अब 2022 में देश के पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा के चुनाव में जनता दल यूनाइटेड मणिपुर में अकेले और उत्तर प्रदेश में गठबंधन के साथ चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी कर रही है। जेडीयू का फोकस छोटे राज्यों में अपने विधायकों की संख्या बढ़ाने पर है।

किसी रजिस्टर्ड राजनीतिक दल को राष्ट्रीय स्तर की मान्यता उसी वक्त दी जाती है जब देश के तीन अलग-अलग राज्यों में लोकसभा की कुल सीटों का कम से कम 2 प्रतिशत सांसद हो। इसके अलावा कोई भी रजिस्टर्ड पार्टी चार अलग-अलग राज्यों में लोकसभा या विधानसभा चुनाव में कम से कम 6 प्रतिशत वोट हासिल कर चुकी हो और लोकसभा में कम से कम 4 सीटें हासिल की हो। या फिर किसी भी दल को कम से कम चार राज्य या उससे अधिक राज्यों में राज्य स्तरीय दल की मान्यता मिली हुई हो। ऐसी पार्टियों को राष्ट्रीय स्तर की मान्यता चुनाव आयोग की ओर से दी जाती है।

तीसरे मोर्चे की आहट और पीएम मैटेरियल नीतीशहाल ही में कांग्रेसी नेता सोनिया गांधी की अध्यक्षता में 18 विरोधी दल के नेताओं ने केंद्र के नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ विपक्षी एकता को मजबूत करने के लिए बैठक हुई थी। इस बैठक के पहले राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने भी 2024 लोकसभा चुनाव को लेकर तीसरे मोर्चे की गठन का स्वागत किया था। इधर जेडीयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पीएम मैटेरियल बताकर बिहार के साथ-साथ देश की राजनीति को भी गर्म कर दिया था। ध्यान रहे कि 2024 लोकसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी पार्टियों ने अभी से ही कमर कसनी शुरू कर दी है। ऐसे में क्या किसी योजना के तहत नीतीश कुमार को पीएम मैटेरियल घोषित किया जा रहा है। जानकारों का मानना है कि भविष्य की राजनीति को देखते हुए जेडीयू की ओर से यह कहा जा रहा है कि नीतीश कुमार में प्रधानमंत्री बनने के सारे गुण मौजूद हैं।

बिहार में पहली बार बीजेपी के छोटे भाई की भूमिका में आए हैं नीतीश
बिहार में 2005 से ही नीतीश कुमार की अगुवाई में बीजेपी जेडीयू गठबंधन की सरकार चल रही है। 2005 विधानसभा चुनाव और 2010 के चुनाव में बीजेपी से अधिक सीटें लाकर जेडीयू बड़े भाई की भूमिका में थी। हालांकि 2015 में नीतीश कुमार ने लालू यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल के साथ मिलकर चुनाव लड़े और बिहार में दूसरे नंबर की पार्टी बन गए। 2015 में आरजेडी को 80 तो जेडीयू को 71 सीटें मिली थी। लेकिन लालू प्रसाद यादव के साथ नीतीश कुमार का यह गठबंधन 2 साल में ही टूट गया और जेडीयू वापस बीजेपी के साथ गठबंधन कर सत्ता पर काबिज हो गई।

लेकिन विधानसभा चुनाव 2020 में महज 43 सीट जीतने वाली जेडीयू बिहार में तीसरे नंबर की पार्टी बन कर रह गई। हालांकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ही है लेकिन अब 74 सीट के साथ बड़े भाई की भूमिका में बीजेपी है। तो क्या नीतीश कुमार को पीएम मैटेरियल बताकर जेडीयू बीजेपी को कोई मैसेज देना चाहती है। क्या पर्दे के पीछे से नीतीश कुमार अपने नेता और कार्यकर्ताओं से बीजेपी को यह संदेश दे रहे हैं कि उन्हें हल्के में ना लिया जाए।

70 साल के हो चुके हैं नीतीश कुमार
1 मार्च 1951 को जन्म लेने वाले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 2024 लोकसभा चुनाव पीएम पद के उम्मीदवार होंगे या नहीं यह तो भविष्य के गर्भ में छिपा है। जानकारों का मानना है कि जातीय जनगणना और जनसंख्या कानून को लेकर बीजेपी से अलग मत रखने वाली जेडीयू इन मुद्दों पर अपनी बात मनवाने के लिए बीजेपी पर दबाव बनाने की कोशिश कर रही है। 2017 में महागठबंधन छोड़ फिर से एनडीए में शामिल हुए नीतीश कुमार ने 2019 लोकसभा चुनाव के पहले यह कहा था कि लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी को कोई नहीं हरा सकता। उस वक्त भी जेडीयू के कुछ नेताओं की ओर से नीतीश कुमार को पीएम मैटेरियल बताया गया था। अब 2024 के पहले एक बार फिर नीतीश कुमार को पीएम मैटेरियल बताया जा रहा है। हालांकि इस बार भी नीतीश कुमार का स्पष्ट तौर पर कहना है कि उनकी ऐसी कोई आकांक्षा नहीं है और इसमें ना दिलचस्पी है ना रुचि है।

सभी राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता अपने शीर्ष नेता को मानते हैं पीएम मैटेरियल : BJP
जेडीयू की राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक और राजनीतिक प्रस्ताव के विषय पर बीजेपी ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय महामंत्री सह बिहार प्रवक्ता डॉ० निखिल आनंद यह जेडीयू की बैठक थी और कोई भी राजनीतिक प्रस्ताव पास करना किसी भी पार्टी का अंदरूनी मामला होता है। सभी राजनीतिक दल अपने नेताओं को लेकर महत्वकांक्षा का इज़हार करते रहते हैं। किसी भी राजनीतिक दल के लिहाज़ से यह कोई नई बात नहीं है।

जनता ने सीएम लायक नहीं छोड़ा, चले हैं पीएम बनने : आरजेडी
जेडीयू के राष्ट्रीय परिषद की बैठक में नीतीश कुमार को पीएम मैटेरियल का प्रस्ताव पास होने के बाद राष्ट्रीय जनता दल ने चुटकी ली है। आरजेडी के नेता और प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि जनता ने जेडीयू को तीन नंबर की पार्टी बनाकर नीतीश कुमार को सीएम बनने लायक नहीं छोड़ा था और अब ख्वाब देख रहे हैं पीएम बनने की। मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि दरअसल नीतीश कुमार को अपनी कुर्सी पर खतरा नजर आ रहा है।

फोटो और समाचार साभार : नवभारत टाइम्स

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