बघेल-सिंहदेव, सिद्धू-कैप्‍टन, पायलट-गहलोत… वीडियो शेयर कर बीजेपी नेता ने ली कांग्रेस की चुटकी

बघेल-सिंहदेव, सिद्धू-कैप्‍टन, पायलट-गहलोत… वीडियो शेयर कर बीजेपी नेता ने ली कांग्रेस की चुटकी
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नई दिल्‍ली छत्‍तीसगढ़, पंजाब और राजस्‍थान। इन तीनों राज्‍यों में कांग्रेस एक ही तरह के हालात का सामना कर रही है। किस्‍सा पूरी तरह से कुर्सी का है। इस कुर्सी को पाने के लिए आपसी अंतर्कलह चरम पर है। छत्‍तीसगढ़ में भूपेश बघेल और टीएस सिंहदेव, पंजाब में नवजोत सिंह सिद्धू और कैप्‍टन अमरिंदर सिंह तथा राजस्‍थान में सचिन पायलट और अशोक गहलोत एक-दूसरे की ‘टांग’ खींचने में लगे हैं। कांग्रेस की स्थिति पर बीजेपी के विदेश मामलों के विभाग के प्रमुख डॉ विजय चौथाईवाले ने चुटकी ली। शुक्रवार को उन्‍होंने एक वीडियो क्लिप शेयर कर लिखा कि इसका , या की फ्रेंडशिप से कुछ लेनादेना नहीं है।

इस वीडियो क्लिप में दो लोग दिखते हैं। ये तरह-तरह से एक-दूसरे को कुर्सी से हटाकर खुद बैठने की कोशिश करते हैं। यह वीडियो सर्कस के शो का मालूम देता है। करीब दो मिनट की इस मजेदार वीडियो क्लिप में दोनों खूब हंसाते हैं। माइक्रोब्‍लॉगिंग साइट ट्विटर पर इस वीडियो क्लिप को शेयर करते हुए विजय चौथाईवाले ने लिखा, ‘इस वीडियो का बघेल-सिंहदेव, सिद्धू-कैप्‍टन या पायलट-गहलोत की दोस्‍ती से कोई लेनादेना नहीं है।’

छत्तीसगढ़ में दिसंबर, 2018 में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद से मुख्यमंत्री बघेल और स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव के बीच रिश्ते सहज नहीं रहे हैं। सिंहदेव के समर्थकों का कहना है कि ढाई-ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री को लेकर सहमति बनी थी। ऐसे में अब सिंहदेव को मुख्यमंत्री बनाया जाना चाहिए। राजधानी में बघेल और सिंहदेव की राहुल गांधी के साथ बैठक हो चुकी है।

वहीं, पंजाब में सीएम कैप्‍टन अमरिंदर सिंह और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के बीच खींचतान जारी है। पिछले काफी समय से दोनों एक-दूसरे को नीचा दिखाने के लिए पुरजोर कोशिश में लगे हैं। पार्टी नेतृत्व ने कुछ हफ्तों पहले अमरिंदर सिंह के विरोध को नजरअंदाज करते हुए क्रिकेटर से नेता बने नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाब कांग्रेस प्रमुख बनाया था। लेकिन, अभी तक प्रदेश कांग्रेस में गुटबाजी खत्म नहीं हुई है।

राजस्‍थान में कुछ इसी तरह की स्थिति मुख्‍यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच है। दोनों के खेमे पिछले कई महीनों से एक-दूसरे पर खुलकर हलमावर रहे हैं। पायलट खेमा चाहता है कि गहलोत कैबिनेट का विस्‍तार हो। वहीं, मुख्‍यमंत्री इससे बचते रहे हैं।

फोटो और समाचार साभार : नवभारत टाइम्स

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