अस्पताल बन गए धंधा… माफिया लिंक का जिक्र कर SC बोला- बर्दाश्त नहीं करेंगे
नोटिफिकेशन 8 जुलाई 2021 को जारी किया गया था। इसमें कहा गया था कि बिल्डिंग यूज परमिशन लेने के लिए 31 दिसंबर 2021 से लेकर तीन महीने तक इसमें छूट होगी। गुजरात के अस्पताल में आग लगने की घटना के बाद मामला सुप्रीम कोर्ट के सामने आया था।
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली बेंच ने कहा कि हम भारतीय समाज की तमाम बीमारियां तो ठीक नहीं कर सकते, लेकिन बतौर जज हम जो भी कानून का राज स्थापित करने के लिए हो सकता है करेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार की जिम्मेदारी है कि वह मरीज को देखे। सभी राज्य सरकारों ने जगहों को अस्पताल में कन्वर्ट किया है। लेकिन, इस नाम पर लोगों के जीवन को खतरे में डालने का जस्टिफिकेशन नहीं हो सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बिल्डिंग डेवलपमेंट, अथॉरिटी और कानून लागू कराने वाली एजेंसी के बीच माफिया लिंक है। लोग पीड़ित हो रहे हैं। हम इसे नहीं बर्दाश्त करेंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा- ये सब क्या हो रहा है?सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ऐसा नहीं हो सकता है कि छोटी-छोटी इमारतों से अस्पताल चलने लगें जहां नियमों का पालन ही न होता हो। अदालत ने कहा कि बिल्डिंग यूज परमिशन के तहत अगर दो कमरे को भी अस्पताल में कन्वर्ट किया जाता है तो इसके लिए इजाजत की जरूरत है। जस्टिस एमआर शाह ने कहा कि गुजरात सरकार नोटिफिकेशन लेकर आई है और उसके तहत एक तरह से बिल्डिंग यूज परमिशन के बिना चलने वाले अस्पतालों और बिल्डिंग के खिलाफ एक्शन पर रोक लगा दी है। ये सब क्या हो रहा है। जस्टिस शाह ने कहा कि अस्पताल निवेश हो चुका है। आप आईसीएमआर की गाइडलाइंस देखिए अगर उस पर अमल हुआ तो 80 फीसदी अस्पताल बंद हो जाएंगे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जब कोर्ट बिल्डिंग यूज परमिशन और फायर एनओसी के बारे में कह रहा है तो आप क्या कर रहे थे? जस्टिस शाह ने कहा कि अस्पताल निवेश के अखाड़े बन गए हैं।
नोटिफिकेशन में क्या कहा गया?
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि गुजरात सरकार ने गुजरात टाउन प्लानिंग एंड अर्बन डेवलपमेंट एक्ट 1976 के तहत नोटिफिकेशन जारी किया था। इसके अनुसार, जो बिल्डिंग, बिल्डिंग यूज परमिशन के बिना है या जिनके पास वैलिड बिल्डिंग यूज परमिशन नहीं है या जो अन्य मानक पूरा नहीं करते हैं उन्हें एक्शन से तीन महीने के लिए छूट दे दी गई है। सुप्रीम कोर्ट ने नोटिफिकेशन पर रोक लगा दी।
फोटो और समाचार साभार : नवभारत टाइम्स