पंजाब में जनता उठा रही कांग्रेस और अकाली दल विधायकों के इनकम टैक्‍स का बोझ

पंजाब में जनता उठा रही कांग्रेस और अकाली दल विधायकों के इनकम टैक्‍स का बोझ
Facebooktwitterredditpinterestlinkedinmail

चंडीगढ़ हाल ही में पंजाब की कांग्रेस सरकार की एक योजना चर्चा में है जिसके तहत विधायकों और मंत्रियों की सैलरी पर लगने वाला टैक्‍स सरकारी खजाने से भरा जा रहा है। मीडिया र‍िपोर्टों के अनुसार ऐसी व्‍यवस्‍था केवल पंजाब ही नहीं हरियाणा, उत्‍तराखंड, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में भी है। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि सरकारी खजाने में जमा पैसा जो जनता की गाढ़ी कमाई पर टैक्‍स लगाकर जुटाया जाता है, उसका इस्‍तेमाल नेताओं को टैक्‍स से राहत देने में क्‍यों हो।

हमारे सहयोगी चैनल टाइम्‍स नाउ ने अपनी पड़ताल में पता लगाया कि पंजाब विधानसभा के कई विधायकों का टैक्‍स सरकारी खजाने से भरा जाता है। ऐसे समय में जब देश भर में आम जनता कोरोना महामारी की वजह से भीषण आर्थिक संकट से गुजर रही है, जनता के चुने हुए प्रतिनिधियों को मिलने वाली यह छूट किसी के गले नहीं उतर रही है। जांच में यह भी सामने आया कि छूट पाने वालों में कांग्रेस के ही नहीं शिरोमणि अकाली दल के भी नेता हैं।

यूपी में योगी ने पेश की थी मिसाल साल 2019 में यूपी के सीएम योगी आदित्‍यनाथ का एक कदम भी काफी चर्चा में रहा था। वजह इसके एकदम उलट थी, उन्‍होंने यूपी में चल रही इसी तरह की एक परंपरा को लगभग 40 साल बाद बंद कर दिया था। उस समय योगी ने कहा था कि अब किसी भी मंत्री या मुख्यमंत्री का इनकम टैक्स सरकारी खजाने से नहीं भरा जाएगा, बल्कि संबंधित व्यक्ति अपनी संपत्ति से भरेगा।

‘मंत्रियों को बताया था गरीब’ उत्तर प्रदेश में करीब 4 दशक पुराने एक कानून की वजह से मुख्यमंत्री और सभी मंत्रियों का इनकम टैक्स सरकारी खजाने से भरा जाता था, क्योंकि इसमें उन्हें गरीब बताते हुए कहा गया है कि वे अपनी कम आमदनी से इनकम टैक्स नहीं भर सकते हैं। उत्तर प्रदेश मिनिस्टर्स सैलरीज, अलाउंसेज ऐंड मिसलेनीअस ऐक्ट, 1981 में बनाया गया था, जब वीपी सिंह मुख्यमंत्री थे। उनके बाद से राज्य में 19 मुख्यमंत्री बदले, लेकिन यह कानून अपनी जगह कायम रहा।

फोटो और समाचार साभार : नवभारत टाइम्स

Facebooktwitterredditpinterestlinkedinmail

WatchNews 24x7

Leave a Reply

Your email address will not be published.