बॉम्‍बे HC ने उद्धव सरकार से पूछा – कोविड टीके की दोनों खुराक ले चुके लोगों को बूस्‍टर खुराक की जरूरत होगी क्‍या?

बॉम्‍बे HC ने उद्धव सरकार से पूछा – कोविड टीके की दोनों खुराक ले चुके लोगों को बूस्‍टर खुराक की जरूरत होगी क्‍या?
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मुंबई
कोरोना महामारी की तीसरी लहर जल्‍द ही आने की आशंका जताई जा रही है। इस बीच, बॉम्‍बे हाई कोर्ट ने सोमवार को महाराष्ट्र सरकार से पूछा कि क्या कोविड-19 टीके की दोनों खुराक ले चुके नागरिकों को भविष्य में तीसरी या बूस्टर खुराक की आवश्यकता होगी। मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति जीएस कुलकर्णी ने कहा कि हाल में महाराष्ट्र कोविड-19 टास्‍कफोर्स ने उल्लेख किया था कि कोविशील्ड या कोवैक्सीन की दोनों खुराक लेने के बावजूद नागरिकों को कोरोना वायरस के कई स्वरूपों से खुद को बचाने के लिए तीसरी या बूस्टर खुराक की आवश्यकता हो सकती है।

पीठ ने कहा, ‘कृपया जांचें कि तीसरी या बूस्टर खुराक की कितनी आवश्यक है।’ हाई कोर्ट ने महाराष्ट्र के महाधिवक्ता आशुतोष कुंभकोणि से पूछा, ‘राज्य कार्यबल ने कहा था कि कोविशील्ड की दूसरी खुराक को प्राप्त करने से 10 महीने और कोवैक्सीन की दूसरी खुराक लेने से छह महीने के बाद तीसरी खुराक लेने की आवश्यकता हो सकती है। क्या अभी भी ऐसा है।’ हाई कोर्ट कोविड-9 से निपटने के लिए संसाधनों के प्रबंधन से संबंधित कई मुद्दों, महामारी की तीसरी लहर की तैयारियों और कोविन पोर्टल पर टीकाकरण स्लॉट बुक करते समय आने वाली समस्याओं के निवारण के अनुरोध संबंधी जनहित याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है।

1.13 करोड़ लोगों को मिल चुकी हैं दोनों खुराकें
महाराष्ट्र सरकार ने पीठ को सूचित किया कि राज्य के 12.23 करोड़ लोगों में से 3.35 करोड़ को कोविड-19 रोधी टीके की पहली खुराक दी गई है। कुल 1.13 करोड़ लोगों को दोनों खुराकें दी जा चुकी हैं। राज्य सरकार ने कोर्ट को यह भी बताया कि उसे केंद्र सरकार से टीका आवंटन में कमी का सामना करना पड़ रहा है। एक डॉक्‍टर ने हाई कोर्ट को बताया कि आज तक शहर में कम से कम 20 लाख लोगों को उनकी दूसरी खुराक मिलनी थी, लेकिन शहर को दैनिक आधार पर केवल टीके की पांच से सात लाख शीशियां मिल रही थीं।

23 अगस्‍त को जारी रहेगी सुनवाई
उपरोक्त याचिकाओं में से दो याचिकाकर्ताओं, अधिवक्ताओं अनीता कैस्टेलिनो और जमशेद मास्टर ने बताया कि कुछ मामलों में, नागरिकों को गलत नाम और बैच नंबर के साथ टीकाकरण प्रमाण पत्र जारी किए जा रहे हैं और इसे संशोधित करने के वास्ते कोई तंत्र मौजूद नहीं है। हाई कोर्ट ने राज्य और केंद्र सरकार दोनों को सुनवाई के दौरान उठाई गई सभी चिंताओं को दूर करते हुए अपने-अपने हलफनामे दाखिल करने का निर्देश दिया। हाई कोर्ट इन याचिकाओं पर 23 अगस्त को सुनवाई जारी रखेगा।

फोटो और समाचार साभार : नवभारत टाइम्स

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