दुनियाभर में कोहराम मचा रहा डेल्टा वेरियंट, लेकिन ICMR ने दी राहत भरी खबर

दुनियाभर में कोहराम मचा रहा डेल्टा वेरियंट, लेकिन ICMR ने दी राहत भरी खबर
Facebooktwitterredditpinterestlinkedinmail

हैदराबाद
भारत में दूसरी लहर के लिए जिम्मेदार माना जा रहा कोरोना का अब दुनियाभर में कोहराम मचा रहा है। चीन, ब्रिटेन, इजरायल जैसे देशों में डेल्टा वेरियंट के कारण कोरोना के मामलों में कई गुना तेजी देखी गई है। हालांकि इसी बीच भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने एक राहतभरी खबर दी है। बायोरक्सिव में प्रकाशित आईसीएमआर की स्टडी के अनुसार भारत बायोटेक की कोवैक्सीन (बीबीवी152) वायरस के डेल्टा प्लस (एवाई.1) वेरियंट के खिलाफ प्रभावी है।

इस स्टडी में कहा गया है कि आईजीजी एंटीबॉडी का मूल्यांकन किया गया है। इसमें बीबीवी 152 टीके (कोवैक्सीन) की पूर्ण खुराक वाले व्यक्तियों में कोविड-19 की आशंका को खत्म कर दिया है। इसमें डेल्टा, डेल्टा एवाई.1 और बी.1.617.3 के खिलाफ बीबीवी152 टीकों (कोवैक्सीन) का मूल्यांकन किया गया।

कोवैक्सीन डेल्टा वेरियंट के सभी म्यूटेशन के खिलाफ कारगर पाई गई। सार्स-सीओवी-2 स्वरूप बी.1.617.2 (डेल्टा) स्वरूप के हाल में सामने आने के बाद इसके तेजी से फैलने के कारण भारत में दूसरी लहर आई है। कोवैक्सीन की प्रभावशीलता डेल्टा स्वरूप के खिलाफ 65.2 प्रतिशत है। इसके बाद, डेल्टा आगे डेल्टा एवाई.1, एवाई.2, और एवाई.3 में बदल गया।

इस अध्ययन को 3 कैटिगरी के लोगों पर किया गया- 1. जिन्होंने वैक्सीन की दोनों डोज ली थी 2. कोरोना से ठीक हो चुके और वैक्सीन की दोनों डोज ले चुके लोग और 3. ब्रेकथ्रू केस यानि ऐसे मामले जिसमें वैक्सीन की दूसरी डोज लगने के 14 दिनों के बाद किसी शख्स को कोरोना संक्रमण हुआ हो।

अध्ययन में कहा गया है कि इनमें से एवाई.1 स्वरूप का पहली बार भारत में अप्रैल 2021 में पता चला था और बाद में 20 अन्य देशों में भी इसके मामले सामने आये। भारत बायोटेक ने तीन जुलाई को चरण तीन परीक्षणों से कोवैक्सीन प्रभावकारिता के अंतिम विश्लेषण को पूरा करते हुए कहा था कि कोवैक्सीन की कोविड-19 के खिलाफ प्रभावशीलता 77.8 प्रतिशत और बी.1.617.2 डेल्टा स्वरूप के खिलाफ 65.2 प्रतिशत रही थी।

आईसीएमआर की स्टडी के नतीजे इसलिए उत्साहजनक माने जा रहे हैं क्योंकि भारत के वैक्सीनेशन कार्यक्रम में कोवैक्सीन के एक अहम भूमिका है। आने वाले कुछ हफ्तों में भारत बायोटेक की इस वैक्सीन का उत्पादन बढ़ाकर प्रति महीने 7-10 करोड़ डोज करने का लक्ष्य है। इन नतीजों से कोवैक्सीन को लेकर लोगों के मन में चल रही आशंकाएं थोड़ी कम होंगी, और इस वैक्सीन को लेकर हिचकिचाहट भी कम होगी.

फोटो और समाचार साभार : नवभारत टाइम्स

Facebooktwitterredditpinterestlinkedinmail

WatchNews 24x7

Leave a Reply

Your email address will not be published.