नवरात्रि में हर दिन शुभ रंग के कपड़े पहनें

नवरात्रि में हर दिन शुभ रंग के कपड़े पहनें
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नौ दिनों अलग-अलग देवियों का श्रृंगार विभिन्न रंगों के परिधानों में किया जाता है. साथ ही भक्तगणों के लिए हर दिन अलग-अलग रंग के वस्त्र पहनने का नियम है. अगर आप मां अंबे का आर्शीवाद पाना चाहते हैं तो इस बार नियम के अनुसार हर दिन शुभ रंग के कपड़े ही पहनें.

नवरात्रि प्रतिपदा दो दिन (एक अक्टूबर और 2 अक्टूबर): शैलपुत्री

इस दिन मां भगवती के प्रथम स्वरूप की अराधना की जाती है. मां शैलपुत्री पर्वतराज हिमालय की पुत्री हैं, इसलिए इन्हें पार्वती एवं हेमवती के नाम से भी जाना जाता है. पहले दिन श्रद्धालुओं के लिए पीला रंग पहनना शुभ माना गया है.

नवरात्रि द्वितीया (3 अक्टूबर): ब्रह्मचारिणी

नवरात्र के दूसरे दिन मां दुर्गा के ब्रह्मचारिणी स्वरुप की आराधना की जाती है. मां ब्रह्मचारिणी की उपासना से भक्तों का जीवन सफल हो जाता है. दूसरे दिन मां का श्रृंगार, नारंगी रंग की साड़ी में किया जाता है. वहीं श्रद्धालुगण के लिए हरे रंग का वस्त्र पहनकर पूजा-अर्चना करना शुभ माना गया है.

नवरात्रि तृतीया (4 अक्टूबर): चंद्रघंटा

नवरात्र के तीसरे दिन मां दुर्गा की तीसरी शक्ति माता चंद्रघंटा की अराधना की जाती है. मां चंद्रघंटा की उपासना से भौतिक, आध्यात्मिक सुख और शांति मिलती है. मां इस दिन श्वेत वस्त्र धारण करती है. अगर भक्तगण इस दिन भूरे रंग के कपड़ों में माता की आरती करेंगे तो उन्हें फल की प्राप्ति होगी.

नवरात्रि चतुर्थी (5 अक्टूबर): कुष्मांडा

चौथे दिन भगवती दुर्गा के कुष्मांडा स्वरुप की पूजा की जाती है. कुष्मांडा देवी के बारे में कहा जाता है कि जब सृष्टि का अस्तित्व नहीं था, तब कुष्माण्डा देवी ने ब्रह्मांड की रचना की थी. आदिशक्ति के नाम से जाने वाली मां का श्रृंगार लाल रंग से किया जाता है. भक्तों को इस दिन नारंगी रंग का पोशाक धारण करना चाहिए.

नवरात्रि पंचमी (6 अक्टूबर): स्कंदमाता

पांचवें दिन मां स्कंदमाता की पूजा की जाती है. गोद में स्कन्द यानी कार्तिकेय स्वामी को लेकर विराजित माता का यह स्वरुप प्रेम, स्नेह, संवेदना को बनाए रखने की प्रेरणा देता है. इस दिन मां को नीले रंग का वस्त्र पहनाया जाता है. पूजा के दौरान इस दिन भक्तों को सफेद रंग के कपड़े जरूर पहनने चाहिए.

नवरात्रि षष्ठी (7 अक्टूबर): कात्यायनी

नवरात्रि के छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा की जाती है. कात्यायन ऋषि के यहां जन्म लेने के कारण माता के इस स्वरुप का नाम कात्यायनी पड़ा. इस दिन मां को पीले रंग का वस्त्र समर्पित किया जाता है. अगर इस दिन आप गरबा और डांडिया खेलने जाते हैं तो लाल रंग का सबसे अधिक महत्व है.

नवरात्रि सप्तमी (8 अक्टूबर): कालरात्रि

मां दुर्गाजी की सातवीं शक्ति को कालरात्रि के नाम से जाना जाता हैं. दुर्गापूजा के सातवें दिन मां कालरात्रि की उपासना का विधान है. इस दिन साधक का मन ‘ सहस्रार ‘ चक्र में स्थित रहता है. उसके लिए ब्रह्मांड की समस्त सिद्धियों का द्वार खुलने लगता है. इस दिन नीले रंग के कपड़े पहनें.

नवरात्रि अष्टमी (9 अक्टूबर): महागौरी

मां दुर्गाजी की आठवीं शक्ति का नाम महागौरी है. महागौरी ने देवी पार्वती रूप में भगवान शिव को पति-रूप में प्राप्त करने के लिए कठोर तपस्या की थी, इस कठोर तपस्या के कारण इनका शरीर काला पड़ गया. इनकी तपस्या से प्रसन्न और संतुष्ट होकर जब भगवान शिव ने इनके शरीर को गंगाजी के पवित्र जल से मलकर धोया तब वह विद्युत प्रभा के समान अत्यंत कांतिमान-गौर हो उठा. तभी से इनका नाम महागौरी पड़ा. इस दिन गुलाबी रंग के कपड़े पहनना शुभ होता है

नवरात्रि नवमी (10 अक्टूबर): सिद्धिदात्री

भक्तों नवरात्रि के नौवें दिन मां जगदंबा के सिद्धिदात्री स्वरुप की पूजा होती है. मां सिद्धिदात्री स्वरुप को मोक्ष प्रदान करने वाला माना जाता है. नौंवे दिन जामुनी रंग के कपड़े पहने जाते हैं.

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