Corona Third Wave News: अगले 125 दिन बेहद अहम…कोरोना की तीसरी लहर पर सरकार ने किया अलर्ट
स्वास्थ्य मंत्रालय ने आगाह किया कि दुनियाभर में कोरोना की तीसरी लहर दस्तक दे चुकी और अगर हमने कोरोना नियमों का पालन नहीं किया तो हमें भी इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ वी के पॉल ने शुक्रवार को कहा कि कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में अगले 100-125 दिन महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महामारी की तीसरी लहर को रोकने का लक्ष्य दिया है और यह संभव है।
डॉ वी के पॉल ने कहा कि दुनिया कोविड-19 की तीसरी लहर की ओर बढ़ रही है और यहां तक कि प्रधानमंत्री ने भी इसका उल्लेख किया है और कहा है कि यह एक चेतावनी है कि किसी भी चीज को हल्के में नहीं लिया जा सकता है।
PM ने तीसरी लहर रोकने का दिया टारगेट
पॉल ने कहा, ‘उत्तर और दक्षिण अमेरिकी क्षेत्रों को छोड़कर, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र बद से बदतर की ओर बढ़ रहे हैं। दुनिया तीसरी लहर की ओर बढ़ रही है और यह एक सच्चाई है। प्रधानमंत्री मोदी ने भी हमें इसे खतरा और चेतावनी के रूप में लेने के लिए कहा है। प्रधानमंत्री ने हमें तीसरी लहर को रोकने का लक्ष्य दिया है और यह मुमकिन है।’
‘अगले 100-125 दिन महत्वपूर्ण होने वाले हैं’
नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) ने कहा कि स्पेन में सप्ताह में कोरोना वायरस मामलों की संख्या में 64 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जबकि नीदरलैंड में 300 प्रतिशत की वृद्धि देखी गयी है। पॉल ने कहा, ‘‘यदि आप इंडोनेशिया, बांग्लादेश, थाईलैंड को देखें …थाईलैंड में चीजें ठीक थीं, (लेकिन) इसमें (मामलों में) वृद्धि हुई है। यदि आप अफ्रीका के आंकड़ों को देखें, तो मामलों में 50 प्रतिशत तक वृद्धि हुई है।’’ उन्होंने कहा कि अगले 100-125 दिन महत्वपूर्ण होने वाले हैं।
हर्ड इम्यूनिटी पर क्या बोली सरकार?
पॉल ने कहा कि अब भी बड़ी आबादी संक्रमण के खतरे का सामना कर रही है। उन्होंने कहा, ‘‘तीसरी लहर का सवाल बार-बार आता रहता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि हमारी आबादी अभी भी जोखिम में है। हम अभी भी ‘हर्ड इम्यूनिटी’ के स्तर तक नहीं पहुंचे हैं और न ही हम संक्रमण के चरण में पहुंचे हैं। हम संक्रमण के माध्यम से ‘हर्ड इम्यूनिटी’ हासिल नहीं करना चाहते हैं।
वायरस अभी भी हमारे आसपास मौजूद
पॉल ने साफ किया कि टीकों के मामले में हम प्रगति कर रहे हैं और 45 वर्ष से अधिक आयु के हमारे सबसे कमजोर समूह का लगभग 50 प्रतिशत हिस्सा सुरक्षित है। इससे मृत्यु दर पर भी असर पड़ेगा और इसमें कमी आएगी, लेकिन संक्रमण फैल सकता है। हम असुरक्षित हैं, वायरस अभी भी आसपास है।
फोटो और समाचार साभार : नवभारत टाइम्स