चीन के लिए क्या है पीएम मोदी का संदेश? दलाई लामा के बाद अब वियतनाम को बधाई
मोदी ने फाम मिन्ह चीन्ह को पीएम बनने की बधाई देते हुए विश्वास जताया कि उनके कुशल निर्देशन में दोनों देशों के बीच व्यापक सामरिक साझेदारी और भी मजबूत होगी। प्रधानमंत्री ने ट्वीट करके बताया, ‘वियतनाम के पीएम एच. ई. फाम मिन्ह चीन्ह के साथ फोन पर बात की। हमने व्यापक रणनीतिक साझेदारी के सभी पहलुओं की समीक्षा की। भारत-प्रशांत के लिए साझा दृष्टिकोण को दोहराया। यूएनएससी सहित निकट सहयोग बनाए रखने पर सहमति जताई।’
कई मुद्दों पर चर्चा इसके पहले प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि दोनों नेताओं के बीच फोन पर वार्ता हुई। इस दौरान द्विपक्षीय संबंधों की प्रगति की समीक्षा की गई। साथ ही सहयोग के विभिन्न मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान भी हुआ।
पीएमओ के मुताबिक, प्रधानमंत्री मोदी ने एक खुले, समावेशी, शांतिपूर्ण और नियम आधारित हिंद महासागर क्षेत्र को लेकर दोनों देशों के समान विचारों का हवाला देते हुए कहा, ‘भारत-वियतनाम व्यापक सामरिक साझेदारी क्षेत्रीय शांति, समृद्धि और विकास को बढ़ावा देने में योगदान दे सकती है।’
वियतनाम को दिया धन्यवाद
इस संदर्भ में प्रधानमंत्री मोदी ने यह हवाला भी दिया कि भारत और वियतनाम संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्य भी हैं। बातचीत के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने भारत में कोविड-19 की दूसरी लहर के समय वियतनाम की ओर से की गई सहायता के लिए धन्यवाद भी दिया। साथ ही दोनों नेताओं ने सहमति जताई कि वे इस महामारी का मुकाबला करने के लिए विचार-विमर्श और एक-दूसरे का सहयोग करना जारी रखेंगे। पीएमओ ने कहा, ‘दोनों प्रधानमंत्रियों ने द्विपक्षीय संबंधों की प्रगति की समीक्षा की और सहयोग के विभिन्न क्षेत्रों में विचारों का आदान-प्रदान किया।’
भारत आने का निमंत्रण
पीएमओ ने कहा कि वर्ष 2022 में दोनों देशों के बीच कूटनीतिक रिश्तों की स्थापना की 50वीं वर्षगांठ होगी। दोनों नेताओं ने इस महत्वपूर्ण उपलब्धि को धूमधाम से मनाने पर सहमति जताई। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने वियतनामी समकक्ष को भारत आने का निमंत्रण भी दिया। वियतनाम और चीन के बीच समुद्री क्षेत्र को लेकर काफी समय से विवाद है। चीन की विस्तारवादी नीतियों का वियतनाम विरोध करता रहा है। दोनों देशों में 1979 में जंग भी हो चुकी है।
फोटो और समाचार साभार : नवभारत टाइम्स