राकेश टिकैत बोले- मंत्रियों के पास बातचीत की 'पावर' नहीं, सिर्फ बयान दिलाए जाते हैं

राकेश टिकैत बोले- मंत्रियों के पास बातचीत की 'पावर' नहीं, सिर्फ बयान दिलाए जाते हैं
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नई दिल्‍ली तीन कृषि कानूनों को लेकर किसानों और सरकार के बीच गतिरोध खत्‍म होता नहीं दिख रहा है। कृषि मंत्री के प्रस्‍ताव को (बीकेयू) के नेता ने एक तरह से खारिज कर दिया है। उन्‍होंने शुक्रवार को कहा कि सरकार ने शर्त के साथ बातचीत का प्रस्‍ताव दिया है। यह मंजूरी नहीं है। बात करनी है तो बिना कंडीशन के हो।

केंद्रीय कैबिनेट के फैसलों की घोषणा करते हुए तोमर ने गुरुवार को कहा था कि सरकार कर रहे किसानों के साथ बातचीत करने के लिए तैयार है। वह कानून के हर पहलू पर बात करने को राजी है। लेकिन, इन्‍हें वापस लेने का सवाल पैदा नहीं होता है।

इसी पर प्रतिक्रिया देते हुए शुक्रवार को टिकैत ने कहा कि सरकार के प्रस्‍ताव में शर्त है। यह किसी तरह स्‍वीकार्य नहीं है। टीवी चैनल आज तक के साथ बातचीत में जब उनसे पूछा गया कि दोनों (सरकार और किसान) अपने-अपने रुख पर अड़े रहे तो आगे रास्‍ता कैसे निकलेगा? इस सवाल के जवाब में टिकैत ने कहा कि सरकार के मंत्रियों के पास पावर नहीं है। उनसे सिर्फ बयान दिलाए जाते हैं। ये (मंत्री) कागज झोले में रखते हैं। जो इनसे कहा जाता है वो ये बोल देते हैं। जब इन्‍हें पावर मिल जाएगी तो बातचीत हो जाएगी।

बिना दबाव सरकार नहीं मानेगी
टिकैत ने कहा कि सरकार दबाव के बिना नहीं मानेगी। इसके लिए उन्‍होंने गन्‍ने से सरकार की तुलना की। उन्‍होंने कहा कि गन्‍ने को कई टुकड़ों में कर दिया जाए तो रस नहीं निकलता है, पर जब उसे कोल्‍हू में पेरा जाता है तो रस निकल आता है। सरकार भी ऐसी ही है। टिकैत ने कहा कि 22 जुलाई को हमारे 200 लोग संसद तक जाएंगे। वो पैदल के बजाय गाड़ी से जाएंगे।

लगातार जारी है गतिरोध
तीन कृषि कानूनों को लेकर करीब आठ महीनों से किसानों और सरकार के बीच तनातनी है। आंदोलन कर रहे किसान तीनों कृषि कानूनों की वापसी चाहते हैं। वहीं, सरकार का कहना है कि वह कानूनों को वापस नहीं लेगी। हां, कानूनों में किसी भी बिंदु पर कोई भी आपत्ति दूर करने के लिए वह किसानों के साथ बातचीत के लिए तैयार है।

फोटो और समाचार साभार : नवभारत टाइम्स

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