5 बार से सांसद हैं भानू प्रताप सिंह, आखिरकार मोदी कैबिनेट में मिली जगह

5 बार से सांसद हैं भानू प्रताप सिंह, आखिरकार मोदी कैबिनेट में मिली जगह
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सुमित शर्मा, कानपुर
कानपुर-बुंदेलखंड के कद्दावर नेता को मोदी मंत्रिमंडल में जगह दी गई है। भानू प्रताप सिंह वर्मा जालौन के से 5वीं बार के सांसद हैं। भानू प्रताप पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को अपना आदर्श मानते हैं। अपनी साफ-सुथरी छवि के कारण उन्हे मंत्रिमंडल में जगह मिली है। इसके साथ भानू प्रताप सिंह सूचना प्रौद्योगिकी समिति के स्थाई सदस्य हैं और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार समिति के भी सदस्य भी हैं।

भानू प्रताप को मोदी कैबिनेट में जगह मिलने के बाद जालौन में जश्न का माहौल है। इसके साथ ही पूरे कानपुर-बुंदेलखंड में खुशी का माहौल है। बीजेपी ने अपने सबसे मजबूत किले कानपुर-बुंदेलखंड से 5वीं बार के सांसद को केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल किया है। कानपुर-बुंदेलखंड के क्षेत्रीय इकाई ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त किया।

भानू प्रताप सिंह बहुत ही साधारण परिवार से हैं। छात्र जीवन से ही उनका रुझान राजनीति की तरफ था। एमए और एलएलबी की पढ़ाई के दौरान छात्र राजनीति में उनकी दिलचस्पी थी। भानू प्रताप ने अपने राजनीतिक कॅरियर की शुरुआत पार्षद का चुनाव जीत कर की थी। सन् 1988 में भानू प्रताप ने कोकब नगर पालिका से पार्षद का चुनाव जीता था। इसके बाद भानू प्रताप सिंह ने 1991 में कोंच विधानसभा सीट से विधायकी का चुनाव लड़े थे। जिसमें शानदार जीत दर्ज की थी।

लोकसभा चुनाव 2019 में 5वीं बार बने थे सांसद
बीजेपी के कद्दावर नेता भानू प्रताप सिंह जालौन की गरौठा लोकसभा सीट से 2019 में 5वीं बार के सांसद चुने गए थे। भानू प्रताप को जातिगत आकड़ों की गणित का माहिर खिलाड़ी माना जाता है। भानू प्रताप सिंह 1996,1998, 2004, 2014 और 2019 में जालौन से सांसद चुने गए।

2019 के लोकसभा चुनाव में मिली थी टक्कर
लोकसभा चुनाव 2019 में एसपी-बीएसपी का गठबंधन था। जालौन की गरौठा लोकसभा सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित थी। बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने अजय कुमार उर्फ पंकज सिंह को चुनावी मैदान में उतारा था। भानू प्रताप और पंकज सिंह के बीच कांटे की टक्कर हुई थी। भानू प्रताप ने बीएसपी के पंकज सिंह को 1,57,247 वोटों से हराया था। भानू प्रताप को 5,79,723 वोट मिले थे। वहीं, बीएसपी के पंकज सिंह को 4,22,476 वोट हासिल हुए थे।

कुछ ऐसा रहा है जालौन की लोकसभा सीट का इतिहास

  • 1962 में कांग्रेस से राम सेवक सबसे पहले जालौन के सांसद बने थे।
  • 1967 में कांग्रेस से सी आर सेवक सांसद बने।
  • 1971 में कांग्रेस के चौधरी राम सेवक सांसद बने।
  • 1977 में भारतीय लोक दल के राम चरण पहली बार गैर कांग्रेसी सांसद बने थे।
  • 1980 में नाथूराम शाक्यवार ने जालौन सीट पर कांग्रेस की वापसी करा दी थी।
  • 1984 में कांग्रेस के लच्छी राम अंतिम सांसद थे।
  • 1989 में जनता दल के राम सेवक भाटिया ने जीत दर्ज की थी।
  • 1991 में बीजेपी के गया प्रसाद पहले बीजेपी सांसद बने थे।
  • 1996 में बीजेपी के भानू प्रताप सिंह सांसद बने।
  • 1998 में भानू प्रताप फिर से सांसद बने।
  • 1999 में बीएसपी का जालौन लोकसभा सीट पर खाता खुला था, और बृज लाल खबरी सांसद बने थे।
  • 2004 में भानू प्रताप सिंह वर्मा ने फिर से बीजेपी से सांसद बने थे।
  • 2009 में एसपी का जालौन में पहली बार खाता खुला था और घनश्याम अनुरागी सांसद बने थे।
  • 2014 में बीजेपी के भानू प्रताप सिंह वर्मा चौथी बार सांसद बने थे।
  • 2019 में भानू प्रताप सिंह वर्मा पांचवी बाद सांसद चुने गए।

फोटो और समाचार साभार : नवभारत टाइम्स

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