स्कूल में कूड़ा उठाते आया आइडिया, मजदूर के बेटे ने बना दी कचरा उठाने मशीन

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निर्मल राजपूत, मथुरा
उत्तर प्रदेश के मथुरा में 10वीं के छात्र ने स्कूल में सफाई के दौरान कूड़ा उठाते-उठाते एक मशीन बना डाली। छात्र द्वारा बनाई गई मैन्युअल मशीन की खोज से देश के भी काफी प्रभावित हुए। राष्ट्रपति ने छात्र से मिलने की इच्छा जाहिर की और राष्ट्रपति भवन से मिले एक ईमेल ने छात्र के हौसले को चार चांद लगा दिए। उसे राष्ट्रपति भवन आने के लिए आमंत्रित किया गया। करीब 5 दिन छात्र अपनी मां के साथ राष्ट्रपति भवन में रहा और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को अपनी बनाई गई कूड़ा उठाने वाली मैन्युअल मशीन के बारे में विस्तार से बताया।

मूलरूप से पश्चिम बंगाल के जिला मुर्शिदाबाद के गांव कोदला के रहने वाले सिकान्तो मंडल का परिवार करीब 15 साल से मथुरा के नगला शिवजी में रहता है। छात्र के पिता प्रशांतो मंडल रिक्शा चलाकर अपने परिवार का पालन पोषण करते हैं। परिवार में पत्नी कल्पना और दो बेटे हैं। उनका छोटा बेटा सिकांतो ने 10 वीं तक कि पढ़ाई जयगुरुदेव बाल्य बालक विद्यादान उच्चतर माध्यमिक विद्यालय से की और 11 वीं की पढ़ाई केआर इंटर कॉलेज से की।

वह अब राजीव एकेडमी से BSC की पढ़ाई कर रहा है। सिकान्तो का जन्म 4 अक्टूबर 2003 में पश्चिम बंगाल के कोदला गांव में हुआ था। छात्र की मां कल्पना ने बताया कि डेढ़ माह की अवस्था में उसे लेकर मथुरा आ गए और तब से लेकर अभी तक मथुरा में ही किराये के मकान में रह रहे हैं। छात्र के स्कूल के शिक्षक अरविंद और मनोज से बात की तो उन्होंने बताया की पढ़ने में काफी तेज है। काम के साथ-साथ अपना स्कूल का काम भी समय पर करता है।

साइंस टीचर मनोज कुमार ने बताया सिकान्तो होनहार छात्र है। जिसे मैंने कक्षा आठ में पहचाना और मैंने सोचा कि इसका नाम क्यों ना ऐसी जगह भेजा जाए जहां इसे एक प्लेटफॉर्म मिल सके। हम लोग ऐसे टॉपिक पर काम करना चाहते थे जो सबसे हटके और अलग हो। हमारे स्कूल में लड़कियां झाड़ू लगाती हैं और लड़के कूड़ा उठाते हैं। कुछ बच्चे कूड़ा उठाने में मुंह छुपाकर वहां से भाग जाते थे। हमने ऐसी गाड़ी बनाया जिसमें आनंद लेते-लेते कूड़ा उठा सकते हैं। इस गाड़ी को तैयार करने में हम लोगों को 6 महीने लग गए।

छात्र ने की आर्थिक मदद की मांग छात्र से जब बात कि तो छात्र ने बताया मेरे इस प्रोजेक्ट को जापान की एक कंपनी ने देखा है और प्रोजेक्ट के तहत मुझे जापान 7 दिन के लिए बुलाया गया था। वही राष्ट्रपति भवन में भी मुझे 3 दिन रहने का मौका मिला और राष्ट्रपति महोदय के साथ हम लोगों ने डिनर किया। छात्रों ने यह भी बताया कि राष्ट्रपति महोदय ने मेरे इस प्रॉजेक्ट को आगे बढ़ाने के लिए मुझे प्रोत्साहित किया।

फोटो और समाचार साभार : नवभारत टाइम्स

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