कौन हैं चंचल कुमार, नीतीश कैबिनेट से इस्तीफा देने वाले मदन सहनी ने लगाए गंभीर आरोप

कौन हैं चंचल कुमार, नीतीश कैबिनेट से इस्तीफा देने वाले मदन सहनी ने लगाए गंभीर आरोप
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पटना
ये हकीकत है कि को अपने अफसरों पर ज्यादा भरोसा रहता है। 2005 से नीतीश कुमार की अगुवाई में सरकार चल रही है। जब से नीतीश कुमार ने बिहार की कमान संभाली तब से ही उनके ‘किचन कैबिनेट’ में पसंदीदा अफसरों की फेहरिस्त छोटी रही। मगर पावरफुल रही। पूरा देश जानता है कि नीतीश कुमार ब्यूरोक्रेसी के खासे पसंदीदा नेताओं में से एक हैं। उनको इससे कोई गुरेज भी नहीं है।

‘चंचल कुमार तो मंत्री का फोन तक नहीं उठाते’
ने मीडिया से कहा कि अफसरशाही का हाल ऐसा है कि सीएम के प्रधान सचिव चंचल कुमार भी उनका फोन नहीं उठाते हैं और ना ही कॉलबैक करते हैं। उन्होंने कहा कि चंचल कुमार को कई दफे कॉल किया लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया। दरअसल अफसरशाही से तंग आकर मंत्री मदन सहनी ने गुरुवार को इस्तीफे का ऐलान कर दिया। मंत्री ने कहा कि उनके विभाग के प्रधान सचिव अतुल प्रसाद की तानाशाही के सामने उनके पास कोई दूसरा रास्ता नहीं बचा था। वे कोई काम नहीं कर पा रहे हैं। मदन सहनी से पूछा गया कि इस मामले को नीतीश कुमार के संज्ञान में क्यों नहीं लाया। तब मदन सहनी ने कहा कि नीतीश कुमार को सब मालूम है। वैसे ये पहला मामला नहीं है जब मदन सहनी का अधिकारियों से विवाद हुआ है। खाद्य आपूर्ति मंत्री रहते हुए भी तत्कालीन सचिव पंकज कुमार से काफी दिनों तक विवाद चला था।

कौन हैं सीएम नीतीश के प्रधान सचिव चंचल कुमार
IIT कानपुर से एमटेक चंचल कुमार 1992 बैच के आईएएस अधिकारी है। बिहार की ब्यूरोक्रेसी में सबसे पावरफुल माने जाते हैं। नीतीश कुमार जब रेल मंत्री (1998-99) थे, तब से ही उनके साथ हैं। अक्सर 2-3 विभागों को संभालते हैं। मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव पद पर इनकी तैनाती सबसे बड़ी जिम्मेदारी है। बिहार में कई योजनाओं को लागू करने के पीछे इनका दिमाग माना जाता है। इनके बारे में कहा जाता है कि ये ब्यूरोक्रेट के साथ अच्छे टेक्नोक्रेट भी हैं। मंत्री भी इनसे संभलकर ही रहना चाहते हैं। उदारहण के तौर पर सितबंर 2019 तक मंत्री (तत्कालीन) महेश्वर हजारी के पास आवास मंत्रालय भी था। इस विभाग के सचिव चंचल कुमार थे। हजारी और चंचल के बीच किसी बात को लेकर मतभेद हो गया तो मंत्री हजारी को ही शिफ्ट कर दिया गया। चंचल कुमार का बाल बांका तक नहीं हुआ।

मनमुताबिक ट्रांसफर-पोस्टिंग नहीं होने से नाराज?
बिहार में नौकरशाही से परेशान समाज कल्याण मंत्री मदन सहनी के इस्तीफे ने हैसियत बता दी। उन्होंने कहा कि ऐसे पद पर रहने से कोई फायदा नहीं, जब वो आम आदमी का कोई काम नहीं करा सकते। उन्होंने यहां तक कह दिया उनके विभाग में चपरासी भी नहीं सुनता है। मदन सहनी ने कहा है कि उनके विभाग में अधिकारियों का राज चल रहा है। अब उनके पास कोई दूसरा रास्ता नहीं बचा है। मदन सहनी ने अपने विभाग के प्रधान सचिव अतुल प्रसाद पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि उनको इतने बड़े बंगले और गाड़ियों के काफिले की कोई जरूरत नहीं है। माना जा रहा है कि समाज कल्याण विभाग में ट्रांसफर-पोस्टिंग को लेकर मंत्री मदन सहनी और प्रधान सचिव के बीच विवाद हुआ था। जून के महीने में विभागों को अपने स्तर पर ट्रांसफर करने की छूट होती है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक समाज कल्याण विभाग के मंत्री मदन सहनी ने नियमों को ताक पर रख कर ट्रांसफर करने की कवायद शुरू की थी, लेकिन प्रधान सचिव ने नियम खिलाफ ट्रांसफर करने से इंकार कर दिया था। मंत्री और सचिव की लड़ाई में विभाग में ट्रांसफर ही नहीं हो पाया।

फोटो और समाचार साभार : नवभारत टाइम्स

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