रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह जाएंगे लद्दाख, LAC के पास लेंगे तैयारियों का जायजा
करीब एक हफ्ते पहले ही रक्षा मंत्री अरुणाचल प्रदेश गए थे जहां उन्होंने 12 सड़कों को राष्ट्र को समर्पित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि सामरिक सड़कों से न केवल संपर्क को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि अंतरराष्ट्रीय सीमाओं के पास सुरक्षा बल तेजी से आवाजाही कर सकेंगे।
रक्षा मंत्रालय के तहत आने वाला बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन पाकिस्तान और चीन बॉर्डर पर रहने वाले लोगों की सुविधा और बॉर्डर तक सैनिकों की आवाजाही सुगम बनाने के लिए बॉर्डर पर सड़कों का जाल बिछा रहा है। संसद में दिए गए आंकड़ों के मुताबिक, देशभर के सीमावर्ती राज्यों में कुल 272 रोड पर काम जारी है। इसमें अरुणाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में सबसे ज्यादा सड़कें हैं।
अरुणाचल प्रदेश में 60 से ज्यादा रोड पर काम चल रहा है। जम्मू-कश्मीर में भी करीब 60 और लद्दाख में 40 से ज्यादा सड़कों पर काम जारी है। भारत-चीन बॉर्डर पर खासकर सड़कों का काम तेजी से चल रहा है।
चीन ने बॉर्डर तक काफी पहले ही सड़कें बना ली थीं जिससे उनकी सेना को जल्द पहुंचने में मदद मिलती है और यह उनके लिए एडवांटेज भी है। लेकिन, भारत ने भी पिछले कुछ वक्त में बॉर्डर में इंफ्रास्ट्रक्चर सुधारने में तेजी से काम किया है।
तीन महीने पहले सरकार की तरफ से संसद को दी गई जानकारी के मुताबिक, कुल मिलाकर करीब 14,071 किलोमीटर सड़कों पर काम जारी है। इसमें सबसे ज्यादा अरुणाचल प्रदेश में हैं। उत्तराखंड में 24, हिमाचल प्रदेश में सात और सिक्किम में 21 सड़कें बनाई जा रही हैं। जम्मू कश्मीर में 61 , पंजाब में 6 , राजस्थान में 23 सड़कों पर काम चल रहा है।
इसी तरह पश्चिम बंगाल में 3 , मिजोरम में 8 , मणिपुर में 9 , नागालैंड में 2 और अंडमान निकोबार में भी 1 सड़क का काम जारी है। ज्यादातर ऑल वेदर रोड है यानी जो हर मौसम में इस्तेमाल की जा सकेंगी। इससे स्थानीय लोगों को आसानी होगी। साथ ही सामरिक रूप से भी ये अहम हैं।
फोटो और समाचार साभार : नवभारत टाइम्स