इस साल मास्क से छुटकारा मिल पाएगा क्या? जानिए क्या कहते हैं हेल्थ एक्सपर्ट्स

इस साल मास्क से छुटकारा मिल पाएगा क्या? जानिए क्या कहते हैं हेल्थ एक्सपर्ट्स
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नई दिल्ली
15 महीने से पूरा देश कोरोना महामारी से जूझ रहा है। हर हाल में इंसान को यह लड़ाई जीतनी है, चाहे वायरस कितने भी रंग बदल ले, म्यूटेट हो जाए। वायरस को जिंदा रहने के लिए इंसान का सेल चाहिए। अगर इंसान इस लड़ाई में अपने बिहेवियर में बदलाव नहीं करें, कोविड गाइडलाइंस का पालन करें, मास्क पहनें, तो यह लड़ाई इंसानों के हक में जाएगी। इसमें सबसे बड़ा रोल मास्क का होगा। मास्क एक ऐसा सोशल वैक्सीन है।

पहले 80 फीसदी आबादी का वैक्सीनेशन जरूरी
एलएनजेपी के डायरेक्टर
डॉ सुरेश कुमार ने कहा कि मास्क बहुत जरूरी है। इससे छुटकारा तभी मिल सकता है, जब 80 पर्सेंट आबादी का वैक्सीनेशन हो जाए और हर्ड इम्युनिटी बन जाए। ऐसे हालात में इंफेक्शन फैलने का खतरा कम हो जाता है और वायरस में बदलाव की संभावना भी कम होती है। जहां तक अपने देश की बात है तो केवल 5 पर्सेंट की आबादी को दोनों डोज लगी है, इसमें हम मास्क हटाने की बात तो सोच नहीं सकते। अभी जिस प्रकार वेरिएंट दिख रहा है, जो वैक्सीन के बाद भी हो रहा है, उसमें मास्क ही बचा सकता है।

मास्क पहनने की आदत को बनाए रखना है
एम्स के मेडिसिन डिपार्टमेंट के
डॉ नीरज निश्चल ने कहा कि अभी हम सभी थर्ड वेब की बात कर रहे हैं। ऊपर से वायरस में बदलाव और नए वेरिरंट, जिसमें डेल्टा और डेल्टा पल्स की बात हो रही है। वायरस खुद को जिंदा रखने के लिए रूप बदल रहा है और इंसान को खुद को इससे बचाए रखने रखने की चुनौती है। इस लड़ाई में अगर वायरस को हराना है तो इंसानों को अपने बिहेवियर में म्यूटेशन नहीं होने देना है। उन्हें हर हाल में मास्क पहनने की आदत को बनाए रखना है। चार चीजों पर हर किसी को ध्यान देना चाहिए, पहला अगर बीमार हैं तो खुद को आइसोलेट करें और इलाज कराएं। दूसरा मास्क पहनें, तीसरा सोशल दूरी बना कर रहें और चौथ बिना वजह भीड़ में न जाएं। डॉक्टर नीरज ने कहा कि कोरोना का कोई भी वेरिएंट आ जाए, वह कोविड बिहेवियर को बायपास नहीं कर सकता है, इसलिए मास्क जरूर लगाएं।

इस साल तो मास्क से छुटकारा भूल जाएं
हिंदूराव अस्पताल के डॉक्टर
डीके दास ने कहा कि इस साल तो मास्क से छुटकारा की बात भूल जाएं। यह अभी उम्मीद करना सही नहीं है। अभी हर किसी को मास्क लगाना होगा और यह सबसे जरूरी बचाव का तरीका है। कुछ देशों में छुटकारा मास्क से मिला है, लेकिन वहां की आबादी भारत की तुलना में बहुत कम है। भारत में वैक्सीनेशन एक चुनौती है, यहां की विशाल आबादी को कम से कम समय में वैक्सीनेशन करना संभव नहीं है। ऐसे में संक्रमण के फैलाव को रोकना मास्क के जरिए ही संभव है। अगर सभी इसे अच्छे से अपनाएं तो बहुत हद तक इस लड़ाई में यह कारगर होगा।

मास्क लगाए रहेंगे तो म्यूटेशन भी रुकेगा
दिल्ली मेडिकल काउंसिल के साइंटिफिक कमिटी के चेयरमैन
डॉ नरेंद्र सैनी ने कहा कि जैसा देश में वायरस का म्यूटेशन देख रहा है, उसमें तो मास्क ही बेहतर उपाय है, जो इस म्यूटेशन को भी रोकने में मदद कर सकता है। उन्होंने कहा कि वायरस को जिंदा रहने के लिए इंसान का लिविंग सेल चाहिए, अगर हम मास्क लगाए रहें, वायरस को अपने तक पहुंचने नहीं दे तो यह वायरस जिंदा नहीं रह सकता है। इसलिए, हर कोई इसे अपनाएं तभी संक्रमण का विस्तार रूकेगा और वायरस का म्यूटेशन भी।

सरकार लोगों में मास्क बांटे
दिल्ली मेडिकल असोसिएशन के पूर्व प्रेजिडेंट
डॉ हरीश गुप्ता ने कहा कि हम सरकार से अपील करते हैं कि वो लोगों में मास्क बांटे, लोग जितना मास्क पहनेंगे संक्रमण फैलने का खतरा उतना कम है। सरकार ऑक्सिजन प्लांट और अन्य तैयारी में जुटी है, लेकिन अगर मास्क बांटते हैं और लोगों को इसे पहनने के लिए जागरूक करते हैं तो वैसी स्थिति ही नहीं बनेगी जब ऑक्सिजन प्लांट और इलाज की जरूरत पड़ेगी। इसलिए, सरकार को भी इस दिशा में सोचने की जरूरत है।

फोटो और समाचार साभार : नवभारत टाइम्स

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