Om Birla बोले- नए संसद भवन की जरूरत, पहले एक भी सांसद ने नहीं जताई आपत्ति, अब हो रहा विरोध समझ के परे
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने विपक्ष पर सवाल उठाया है। उन्होंने नए संसद भवन को जरूरत बताया है। साथ ही कहा है कि इसे लेकर अब हो रहा विरोध समझ के परे है। कारण है कि जब दोनों सदनों ने नए संसद भवन के निर्माण के बारे में आग्रह किया था तब लोकसभा या राज्यसभा के किसी सांसद ने इसका विरोध नहीं किया था। लोकसभा अध्यक्ष ने 17वीं लोकसभा के दो साल पूरे होने के अवसर पर एक संवादादाता सम्मेलन में यह बात कही ।
बिरला ने कहा कि इसका निर्माण कार्य कार्यक्रम से 16 दिन पीछे चल रहा है। हालांकि, इसे अक्टूबर 2022 तक पूरा कर लिया जाएगा।
बिरला बोले, ‘हम प्रारंभ में निर्धारित कार्यक्रम से 27 दिन आगे चल रहे थे। लेकिन, कोविड-19 महामारी फैलने के कारण अभी यह 16 दिन पीछे चल रहा है।’
संसद के नए भवन के बारे में एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि संसद के वर्तमान भवन का विस्तार नहीं किया जा सकता है। यह बदलते समय की जरूरतों को पूरा नही करता ।
उन्होंने कहा, ‘वर्तमान भवन ऐतिहासिक इमारत है। इसमें कई ऐतिहासिक फैसले किए गए। लेकिन, अब इसे आगे नहीं बढ़ाया जा सकता है । यह 100 साल से अधिक पुराना है। ऐसे में नए भवन की जरूरत है।’
इस संबंध में विवाद उठने के बारे में पूछे जाने पर बिरला ने कहा कि जब दोनों सदनों ने नए संसद के भवन के निर्माण के बारे में आग्रह किया था तब लोकसभा या राज्यसभा के किसी सांसद ने इसका विरोध नहीं किया था ।
संसद के नए भवन को लेकर कांग्रेस सहित विपक्षी दलों और सत्तारूढ़ भाजपा के बीच हाल के दिनों में आरोप-प्रत्यारोप सुनने को मिला है। विपक्षी दलों का कहना है कि इसका निर्माण रोक देना चाहिए ताकि फंड का उपयोग कोरोना महामारी के प्रबंधन में किया जा सके।
बिरला ने कहा कि वर्तमान लोकसभा की पांच सत्रों की उत्पादकता 122 फीसदी रही है और सभी दलों के सदस्यों ने सदन के सुचारु कामकाज में सहयोग किया है।
साभार : नवभारत टाइम्स