जितिन के बाद कहीं मिलिंद देवड़ा का नंबर तो नहीं? गुजरात मॉडल की तारीफ कर बढ़ाई कांग्रेस की टेंशन
दरअसल, कोरोना महामारी की वजह से पिछले एक साल से गुजरात में होटल इंडस्ट्री, रेस्टोरेंट, रिजार्ट और वॉटर पार्क बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। आर्थिक नुकसान को देखते हुए मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने उनका पिछले एक साल का प्रॉपर्टी टैक्स और बिजली बिल माफ करने का फैसला लिया है। कांग्रेस नेता मिलिंद देवड़ा ने अपने ट्विटर अकाउंट पर यह खबर शेयर करते हुए गुजरात सरकार की तारीफ की है। उन्होंने लिखा है- ‘दूसरे राज्यों के अनुकरण के लिए एक स्वागत योग्य कदम। यदि हम भारत के आतिथ्य क्षेत्र में और नौकरियों के नुकसान को रोकना चाहते हैं तो सभी राज्यों को तत्काल हस्तक्षेप करना चाहिए।’
‘काश, हमारे साथियों ने साथ न छोड़ा होता’
दूसरी ओर, मिलिंद देवड़ा ने अपने पूर्व सहयोगी जितिन प्रसाद के बीजेपी में जाने पर भी प्रतिक्रिया जताई है। उन्होंने ट्विटर पर लिखा है- ‘मेरा मानना है कि कांग्रेस को अपनी पुरानी स्थिति पाने के लिए प्रयास करना चाहिए। देश की बड़ी पार्टी के तौर पर वह यह कर सकती है और करना ही चाहिए। हमारे पास अब भी ऐसे नेता हैं जिन्हें अगर सशक्त किया जाए और बेहतरीन ढंग से इस्तेमाल किया जाए तो वे नतीजे दे सकते हैं। मैं सिर्फ यह चाहता हूं कि काश मेरे कई मित्रों, सम्मानित साथियों और मूल्यवान सहयोगियों ने हमारा साथ नहीं छोड़ा होता।’
दरक रही है कांग्रेस की युवा ब्रिगेड
गौरतलब है कि मिलिंद देवड़ा, जितिन प्रसाद, ज्योतिरादित्य सिंधिया और सचिन पायलट कभी कांग्रेस की युवा ब्रिगेड माने जाते थे। उन्होंने केंद्र में पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में भी काम किया था। सिंधिया और प्रसाद अब बीजेपी में हैं, जबकि पायलट और देवड़ा पार्टी में कुछ मुद्दों पर परेशान दिखते हैं और बार-बार सुधार की मांग करते हैं। जितिन प्रसाद उन 23 नेताओं में शामिल थे, जिन्होंने पिछले साल कांग्रेस में सक्रिय नेतृत्व और संगठनात्मक चुनाव की मांग को लेकर पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखी थी।
साभार : नवभारत टाइम्स