आंदोलन के 6 महीने: कल ‘काला दिवस’ मनाने पर अड़े किसान, दिल्ली पुलिस की चेतावनी
केंद्र के तीन के बुधवार को छह महीने हो जाएंगे। इसे लेकर किसान यूनियनों ने ‘’ मनाए जाने की घोषणा की है। वहीं, दिल्ली पुलिस ने लोगों से कोरोना के मौजूदा हालात और लॉकडाउन के चलते सभाएं नहीं करने का अनुरोध किया है। उसने शहर की सीमाओं पर कड़ी निगरानी रखने की बात कही है। कानून को हाथ लेने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
दिल्ली पुलिस के जनसंपर्क अधिकारी (पीआरओ) चिन्मय बिस्वाल ने कहा कि सिंघु, टीकरी और गाजीपुर समेत सभी सीमाओं पर बल पहले से ही मौजूद है। किसी भी गैर कानूनी गतिविधि या प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी। कानून अपने हाथों में लेने का प्रयास करने वाले लोगों से सख्ती से निपटा जाएगा।
ने किसान आंदोलन के छह महीने पूरे होने पर 26 मई को ‘काला दिवस’मनाने की घोषणा की थी। कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, वामदलों, समाजवादी पार्टी (सपा), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और द्रमुक समेत 12 प्रमुख विपक्षी दलों ने पिछले सप्ताह उनके विरोध प्रदर्शन का समर्थन किया था।
घर से न निकलने की अपील
संयुक्त किसान मोर्चा की घोषणा के मद्देनजर दिल्ली पुलिस ने मंगलवार को लोगों से कोविड दिशानिर्देशों का पालन करने और अपने घरों से बाहर नहीं निकलने का आग्रह किया। बिस्वाल ने कहा, ‘पिछले एक महीने से अधिक समय में राष्ट्रीय राजधानी में कोरोना वायरस के कारण गंभीर स्थिति देखने को मिली है। इसमें कई लोगों की मौत हो गई। पुलिस और प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए कई कदम उठाएं है।’
उन्होंने कहा, ‘लोगों की मदद से दिल्ली में लॉकडाउन का सफलतापूर्ण ढंग से पालन किया गया। इस कारण राष्ट्रीय राजधानी में स्थिति अब धीरे-धीरे बेहतर हो रही है।’
संयुक्त किसाना मोर्चा ने क्या कहा?
संयुक्त किसान मोर्चा के मंगलवार को जारी बयान के अनुसार, यह किसान आंदोलन ‘सत्य और अहिंसा’ पर चल रहा है। बुधवार को यह अपने ऐतिहासिक संघर्ष के छह महीने पूरे करेगा।
बयान में कहा गया है, ‘संयुक्त किसान मोर्चा सभी भारतीयों से बुधवार को बुद्ध पूर्णिमा मनाने का अनुरोध करता है ताकि सत्य और अहिंसा को हमारे समुदाय में एक मजबूत स्थान मिल सके। खासकर ऐसे समय में जब हमारे समाज में इन बुनियादी मूल्यों को खत्म करने का प्रयास किया जा रहा है।’
मानवाधिकार आयोग ने जारी किया नोटिस
इस बीच राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली के निकट प्रदर्शन कर रहे किसानों के कोविड सुरक्षा नियमों का पालन नहीं करने संबंधी आरोपों को लेकर दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश की सरकारों को नोटिस जारी किया है।
आयोग ने इन सरकारों से कहा है कि प्रदर्शन स्थलों पर कोरोना संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए उठाए गए कदमों के संदर्भ में वे चार सप्ताह के भीतर कार्यवाही रिपोर्ट दें। आयोग ने कहा है कि भारत कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर का सामना कर रहा है। ऐसे में ये प्रदर्शनकारी न सिर्फ अपना जीवन खतरे में डाल रहे हैं, बल्कि ग्रामीण इलाकों में दूसरों के लिए भी खतरा पैदा कर रहे हैं। वे वायरस के ‘संभावित वाहक’ हो सकते हैं।
आयोग ने कहा, ‘शिकायकर्ता ने कहा है कि इन विरोध प्रदर्शनों में अब तक 300 से ज्यादा किसानों की मौत अलग-अलग कारणों से हुई है। इनमें कोरोना संक्रमण भी एक कारण है। ब्लैक फंगस के मामलों में बढ़ोतरी हो रही है।’
काला दिवस मनाने की अपील
संयुक्त किसान मोर्चा ने सभी नागरिकों से अपने घरों, वाहनों और अन्य स्थानों से काला झंडा लहराकर ‘काला दिवस’ मनाने की अपील की है। किसान नेताओं ने कहा कि बुधवार को किसानों को काली पगड़ी और काली चुन्नी पहननी चाहिए। एक किसान नेता कुलवंत सिंह ने कहा कि वह हर सीमा पर काले झंडे लगाएंगे।
बता दें कि दिल्ली के निकट टीकरी बॉर्डर, सिंघु बॉर्डर और गाजीपुर बॉर्डर पर किसान पिछले छह महीनों से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। उनकी मांग तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने और न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी दिए जाने की है।
राकेश टिकैत ने पुतला फूंकने को कहा
किसान संगठनों के कल काला दिवस मनाने पर भारतीय किसान यूनियन (BKU) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि बुधवार को भारत सरकार का पुतला जलाया जाएगा। ट्रैक्टर और घरों पर काला झंडा लगाया जाएगा। यह सुबह 9-10 बजे से शुरू होगा।
दिल्ली HC का सुनवाई से इनकार
दिल्ली हाईकोर्ट ने किसानों के राष्ट्रीय राजधानी में 26 मई को प्रस्तावित मार्च के मुद्दे पर गौर करने से मंगलवार को इनकार कर दिया। किसानों को दिल्ली की सीमाओं की तरफ बढ़ने से रोकने और पुलिस को कोविड-19 के दिशानिर्देश लागू करने का आदेश देने के लिए कोर्ट में मौखिक अपील की गई थी।
साभार : नवभारत टाइम्स