वैक्सीन लगाने पर भी बच्चों को दूध पिलाना ना रोकें, अलग अलग वैक्सीन की डोज ना लें

वैक्सीन लगाने पर भी बच्चों को दूध पिलाना ना रोकें, अलग अलग वैक्सीन की डोज ना लें
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नई दिल्लीकोविड वैक्सीन को लेकर तरह तरह की गलतफहमियां भी फैल रही हैं। केंद्र सरकार ने ऐसी कुछ गलतफहमियों को दूर किया है। नीति आयोग के सदस्य डॉ. वी के पॉल ने कहा कि कई लोगों में यह उलझन है कि स्तनपान करा रही महिलाएं वैक्सीन लगाने के बच्चे को दूध पिला सकती हैं या नहीं? उन्होंने साफ किया कि वैक्सीन का स्तनपान पर कोई असर नहीं पड़ना चाहिए। कोई महिला बच्चे को पहले जिस तरह दूध पिला रही है वह वैक्सीन के बाद भी उसी तरह दूध पिला सकती है। कुछ घंटों के लिए भी इसे रोकने की जरूरत नहीं है।

अलग- अलग वैक्सीन की डोज नहींक्या कोई किसी एक वैक्सीन की डोज लेने के बाद दूसरी डोज किसी और वैक्सीन की ले सकता है? इस सवाल पर डॉ. वीके पॉल ने कहा कि यह साइंटिफिकली तो संभव है कि एक वैक्सीन की एक डोज के बाद दूसरे प्लेटफॉर्म पर जा सकते हैं। लेकिन ऐसा करने की फिलहाल सलाह नहीं दी जाती। क्योंकि अभी इसका कोई अनुभव नहीं है और न ही इसका कोई सबूत है कि यह सही है। यह वक्त के साथ पता चलेगा। इस पर जो स्टडी होंगी वह देखी जाएंगी, डब्लूएचओ क्या कहता है वह भी देखा जाएगा। फिलहाल तो ऐसा ना करें।

वैक्सीन पासपोर्ट पर अभी फैसला नहींक्या कोवैक्सीन लगाने वाले लोगों को दुनिया के कुछ देशों में जाने की इजाजत नहीं है? वैक्सीन पासपोर्ट के बारे में हेल्थ मिनिस्ट्री के जॉइंट सेक्रेटरी लव अग्रवाल ने कहा कि वैक्सीन पासपोर्ट पर अभी डब्लूएचओ स्तर पर कोई एकराय नहीं है। इस पर अभी चर्चा चल रही है कि क्या वैक्सिनेटेड लोगों को इजाजत दे सकते हैं। अभी भी डब्लूएचओ की गाइडलाइन और अलग अलग देशों की गाइडलाइन कोरोना टेस्ट की नेगेटिव रिपोर्ट के आधार पर ही हैं। वैक्सीन पासपोर्ट को लेकर चर्चा चल रही है। जब यह उस स्तर पर पहुंचेगी कि दुनिया में एकराय ला सकते हैं तो उस पर कार्यवाही भी की जाएगी।

राज्य जो वैक्सीन लेते हैं, किसे देनी है यह उनका फैसलादिल्ली सहित कई राज्यों ने 18 से 44 साल के लोगों के लिए वैक्सीन की कमी की बात कही है। कई सेंटर बंद भी हुए हैं। हालांकि केंद्र सरकार का कहना है कि 18 साल से 44 साल के उम्र के लोगों को वैक्सीन लगाने का जिम्मा राज्य सरकारों का है। राज्य सरकार जो वैक्सीन खुद ले रहे हैं वह किस तरह उसका इस्तेमाल करते हैं यह उनका फैसला है। नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल ने कहा कि भारत में कुल वैक्सीन प्रॉडक्शन का 50 पर्सेंट भारत सरकार लेती है और इसे राज्यों को फ्री में मुहैया कराती है।

भारत सरकार जो फ्री में वैक्सीन देती है वह राज्य प्रायॉरिटी ग्रुप (45 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को और हेल्थ केयर वर्कर्स, फ्रंट लाइन वर्कर्स) को ही दे सकते हैं। क्योंकि इस ग्रुप में रिस्क ज्यादा है और उन्हें प्रोटेक्शन की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा राज्य सरकारें जो वैक्सीन सीधे मैन्युफैक्चरर से ले रही हैं, वह कैसे इस वैक्सीन का इस्तेमाल करती हैं, किस वर्ग में करती हैं यह फैसला राज्यों का है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की प्राथमिकता साफ है और प्रायॉरिटी ग्रुप के लिए राज्यों को फ्री में वैक्सीन मिलती रहेगी।

साभार : नवभारत टाइम्स

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