क्या है बीएमसी का ऑक्सिजन मॉडल? जिसकी सुप्रीम कोर्ट ने भी की तारीफ

क्या है बीएमसी का ऑक्सिजन मॉडल? जिसकी सुप्रीम कोर्ट ने भी की तारीफ
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मुंबई
देश में कोरोना वायरस का संक्रमण कहर मचा रहा है। इस बीच ऑक्सिजन का संकट भी गहरा गया है। बुधवार को केंद्र की अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की। सुप्रीम कोर्ट ने राजधानी दिल्ली के ऑक्सिजन संकट पर सुझाव दिया कि वैज्ञानिक तरीके से इसके वितरण की व्यवस्था करें। साथ ही मुंबई में बीएमसी के ऑक्सिजन मॉडल की तारीफ करते हुए दिल्ली को कुछ सीखना को कहा।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दिल्ली में कोविड वैश्विक महामारी बहुत गंभीर चरण में है और इसके साथ ही उसने केंद्र से पिछले तीन दिन में की गई ऑक्सिजन सप्लाई के बारे में पूछा। दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने राजधानी में ऑक्सिजन की सप्लाई के आदेश के मामले में कोताही के कारण दिल्ली हाईकोर्ट की अवमानना नोटिस के खिलाफ केंद्र सरकार की ओर से याचिका लगाई गई थी।

क्या है बीएमसी का ऑक्सिजन मॉडल
महाराष्ट्र में कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच मुंबई में केस लगातार कम हो रहे हैं। कोरोना कंट्रोल में सबसे बड़ी भूमिका बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) की रही। बीएमसी की तैयारियों ने सभी का ध्यान अपनी ओर खींचा है। बीएमसी के ऑक्सिजन मॉडल की तारीफ देश की सबसे बड़ी अदालत सुप्रीम कोर्ट ने भी की है। दरअसल बीएमसी ने ऑक्सिजन संकट को देखते हुए सबसे पहले ऑक्सिजन सप्लाई सिस्टम को बढ़ाया था। क्योंकि पहले 28 हजार मौजूद बेडों में से करीब 12-13 हजार बेड पर ऑक्सिजन सप्लाई की व्यवस्था थी। दूसरी लहर में बढ़ी डिमांड के साथ मरीजों की भर्ती और ऑक्सिजन सिलेंडर में भी बदलाव किए गए थे।

बीएमसी ने किया ये काम
बीएमसी के एक अधिकारी की माने तो पहली लहर में आम सिलेंडर पर सभी निर्भर थे, लेकिन बाद में जंबो सिलेंडर का इस्तेमाल किया गया। इनकी क्षमता आम सिलेंडर से 10 गुना ज्यादा होती है। इसके अलावा 13 हजार किलो लीटर वाली लिक्विड मेडिकल ऑक्सिजन टैंक तैयार किया। साथ ही अस्पताल रीफिल मोड से हटकर स्टोरेज-सप्लाई मोड लाए गए।

साभार : नवभारत टाइम्स

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