गोरखपुर की श्रिति ने बिहार में पराली से बना दिया कोविड अस्पताल, फोर्ब्स ने माना लोहा

गोरखपुर की श्रिति ने बिहार में पराली से बना दिया कोविड अस्पताल, फोर्ब्स ने माना लोहा
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गोरखपुर की रहने वाले श्रिति पांडेय देश के कई हिस्सों में अपनी कंपनी के जरिए काम कर रही हैं। श्रिति ने साल 2014 में बीटेक करने के बाद न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी से कंस्ट्रक्शन मैनेजमेंट में मास्टर की डिग्री हासिल की है। फोर्ब्स की सूची में जगह मिलने के बाद बिहार के उसके उस प्रोजेक्ट की चर्चा फिर से शुरू हो गई है। श्रिति ने पिछले साल महज 80 दिनों के अंदर पराली और धान की भूसी से कोविड मरीजों के लिए 50 बेड का अस्पताल बना दिया था।

फोर्ब्स मैगजीन ने एशिया के 30 मेधावी लोगों की सूची में गोरखपुर की रहने वाली श्रिति पांडेय को जगह दी है। श्रिति भारत में कम पैसों में टिकाऊ घर बनाती हैं। वह एक कंपनी का संचालन भी करती हैं। बिहार की राजधानी पटना से सटे एक गांव में श्रिति ने पराली से कोविड अस्पताल बना दिया है।

कम पैसों में टिकाऊ घर बनाती हैं श्रिति, बिहार में पराली से बना दिया कोविड अस्पताल, 'फोर्ब्स' ने माना लोहा

गोरखपुर की रहने वाले श्रिति पांडेय देश के कई हिस्सों में अपनी कंपनी के जरिए काम कर रही हैं। श्रिति ने साल 2014 में बीटेक करने के बाद न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी से कंस्ट्रक्शन मैनेजमेंट में मास्टर की डिग्री हासिल की है। फोर्ब्स की सूची में जगह मिलने के बाद बिहार के उसके उस प्रोजेक्ट की चर्चा फिर से शुरू हो गई है। श्रिति ने पिछले साल महज 80 दिनों के अंदर पराली और धान की भूसी से कोविड मरीजों के लिए 50 बेड का अस्पताल बना दिया था।

ऐसे काम करती है श्रिति
ऐसे काम करती है श्रिति

दरअसल, श्रिति को इस प्रयोग के लिए फोर्ब्स मैगजीन ने एशिया के 30 मेधावी लोगों में उसे जगह दी है। श्रिति पांडेय गेहूं के डंठल, धान के पुआल और भूसे के कंप्रेस्ड से एग्री फाइबर पैनल तैयार करती है। इसी के जरिए वह मकान बनाती है। बताया जाता है कि इससे काफी कम लगात में घर तैयार हो जाता है। बिहार समेत देश के कई हिस्सों में श्रिति की कंपनी अपने प्रोजेक्ट पर काम कर रही है।

बिहार में बना दिया कोविड अस्पताल
बिहार में बना दिया कोविड अस्पताल

बिहार की राजधानी पटना से सटे मसाढ़ी में धान की भूसी और पराली से श्रिति पांडे ने कोविड अस्पताल बना दिया है। इस अस्पताल में 50 मरीजों का इलाज चल रहा है। यह अस्पताल विटेक्स फाउंडेशन का है। श्रिति पांडेय को इस अस्पताल को बनाने में महज 80 दिन लगे थे। फोर्ब्स ने अपनी सूची में जब श्रिति को जगह दी है, तो खूब चर्चा भी हो रही है।

सस्ते में तैयार हो जाता है घर
सस्ते में तैयार हो जाता है घर

बताया जा रहा है कि श्रिति पांडेय अपने इस प्रयोग से सस्ते दामों में घर तैयार कर देती हैं। कई राज्यों की सरकारें भी इसमें दिलचस्पी दिखा रही हैं। श्रिति की कंपनी एमपी की राजधानी भोपाल में भी इस तकनीक से कई आंगनवाड़ी केंद्र तैयार कर रही हैं। पटना में कोविड अस्पताल का निर्माण 6,500 स्क्वायर फीट में हुआ है। इसमें पूरी तरह से ग्रीन मटरियल का इस्तेमाल हुआ है।

अमेरिका से पढ़ाई पूरी करने के बाद कर रही अपना काम
अमेरिका से पढ़ाई  पूरी करने के बाद कर रही अपना काम

गोरखपुर की रहने वाली श्रिति पांडेय अमेरिका में पढ़ाई पूरी करने के बाद अपने काम में लग गई हैं। कोरोना काल के दौरान उसने बिहार में ही कोविड रिलीफ अस्पताल तैयार किया था। इस प्रोजेक्ट के लिए श्रिति पांडे की खूब तारीफ हुई थी। बिहार में यह पटना सटे फतुहा के मसाढ़ी गांव में है।

गोरखपुर में रहता है परिवार
गोरखपुर में रहता है परिवार

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार श्रिति पांडे के पिता गोरखपुर में ही रहते हैं। मंकेश्वर पांडेय महात्मा गांधी इंटर कॉलेज के महाप्रबंधक हैं। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा है कि श्रिति गोरखपुर में भी एक प्लांट लगाएगी। पीएम आवास योजना के तहत वह मॉडल हाउस तैयार की थी।

साभार : नवभारत टाइम्स

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