प्रवासियों के मन की बात भांप गए मोदी, राष्ट्र के नाम संबोधन में दिया सबसे बड़ा भरोसा
हमें देश को लॉकडाउन से बचाना है: पीएम मोदी
प्रधानमंत्री ने देश में कोरोना के हालत पर राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कहा, “हम सभी का प्रयास जीवन बचाने के लिए तो है ही, प्रयास ये भी है कि आर्थिक गतिविधियां और आजीविका कम-से-कम प्रभावित हों।” प्रधानमंत्री ने राज्यों से अपील की, “आज की स्थिति में हमें देश को लॉकडाउन से बचाना है। मैं राज्यों से भी अनुरोध करूंगा कि वो लॉकडाउन को अंतिम विकल्प के रूप में ही इस्तेमाल करें। लॉकडाउन से बचने की भरपूर कोशिश करनी है। और माइक्रो कन्टेनमेंट जोन पर ही ध्यान केंद्रित करना है।”
युवाओं और बाल मित्रों से अपील
मोदी ने लॉकडाउन की स्थिति टालने के लिए सरकार एवं प्रशासन के अलावा समाज से भी मदद की अपील की। उन्होंने युवाओं से कहा, “मेरा युवा साथियों से अनुरोध है कि वो अपनी सोसायटी में, मोहल्ले में, अपार्टमेंट्स में छोटी-छोटी कमीटियां बनाकर कोविड अनुशासन का पालन करवाने में मदद करे।” पीएम ने कहा, “हम ऐसा करेंगे तो सरकारों को न कंटेनमेंट ज़ोन बनाने की जरुरत पड़ेगी, न कर्फ्यू लगाने की, न लॉकडाउन लगाने की।” प्रधानमंत्री ने बच्चों से भी इसी तरह की अपील की और कहा कि वो चाह लें तो हर घर का माहौल बदल जाएगा। उन्होंने कहा, “अपने बाल मित्रों से एक बात विशेष तौर पर कहना चाहता हूं। मेरे बाल मित्र, घर में ऐसा माहौल बनाएं कि बिना काम, बिना कारण घर के लोग, घर से बाहर न निकलें। आपकी जिद बहुत बड़ा परिणाम ला सकती है।”
प्रवासियों को भरोसे में लेने की कवायद
प्रधानमंत्री के पूरे संबोधन पर गौर करेंगे तो साफ पता चलेगा कि वो देश के विभिन्न हिस्सों से श्रमिकों के बीच घरवापसी की होड़ की खबरों से चिंतित हैं। यही वजह है कि उन्होंने अपने संबोधन में श्रमिकों पर खास फोकस रखा। वो चाहते हैं कि कुछ प्रदेशों में आंशिक लॉकडाउन से घबराए श्रमिकों की घर वापसी रुक जाए। इसीलिए राज्यों को लॉकडाउन नहीं लगाने की नसीहत दी तो यह भी कहा कि राज्य श्रमिकों में भरोसा जगाने का प्रयास करें।
प्रवासी मजदूरों पर राज्यों को नसीहत
पीएम ने कहा, “मेरा राज्य प्रशासन से आग्रह है कि वो श्रमिकों का भरोसा जगाए रखें, उनसे आग्रह करें कि वो जहां हैं, वहीं रहें। राज्यों द्वारा दिया गया ये भरोसा उनकी बहुत मदद करेगा कि वो जिस शहर में हैं, वहीं पर अगले कुछ दिनों में वैक्सीन भी लगेगी और उनका काम भी बंद नहीं होगा।” उन्होंने प्रवासी श्रमिकों को टीका लगाए जाने का भी भरोसा दिलाया है। वैक्सीनेशन को 18 वर्ष की आयु के ऊपर के लोगों के लिए खोलने से शहरों में जो हमारी वर्कफोर्स है, उसे तेजी से वैक्सीन उपलब्ध होगी।
लॉकडाउन के ऐलान से प्रवासियों में अफरा-तफरी
दरअसल, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार ने मंगलवार को ही एक सप्ताह का आंशिक लॉकडाउन लगाने का ऐलान कर दिया। इसके बाद प्रवासियों में घर जाने को लेकर अफरा-तफरी मच गई। हालांकि, सीएम केजरीवाल ने लॉकडाउन का ऐलान करते वक्त श्रमिकों को यह समझाने की भरसक अपील की कि इस बार लॉकडाउन लंबा नहीं चलने वाला है। उन्होंने श्रमिकों को किसी तरह की परेशानी नहीं होने देने का भी वादा किया, लेकिन कहते हैं ना- दूध का जला, छांछ को भी फूंक-फूंक कर पीता है।
रेलवे स्टेशनों, बस अड्डों पर उमड़ी प्रवासियों की भीड़
श्रमिक पिछले साल के कड़वे अनुभवों को याद कर अपने मन का डर नहीं निकाल पा रहे हैं। उन्हें लग रहा है कि अगर कोरोना की रफ्तार आगे भी नहीं थमी तो लॉकडाउन की मियाद बढ़ सकती है। देखते ही देखते आनंद विहार रेलवे स्टेशन, आईएसबीटी जैसी जगहों पर प्रवासियों का हुजूम उमड़ पड़ा। प्रधानमंत्री मोदी ने श्रमिकों के मन की बात भांपकर आज अपने संबोधन में उन्हें आश्वस्त करने का भरसक प्रयास किया है।
साभार : नवभारत टाइम्स