हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट जस्टिस की रिटायरमेंट उम्र एक बराबर की जाए, याचिका दाखिल

हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट जस्टिस की रिटायरमेंट उम्र एक बराबर की जाए, याचिका दाखिल
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नई दिल्ली
हाई कोर्ट के जजों की रिटायरमेंट उम्र और सुप्रीम कोर्ट के जजों की रिटायरमेंट उम्र एक किए जाने के लिए सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई गई है। सुप्रीम कोर्ट में बीजेपी नेता व एडवोकेट अश्विनी उपाध्याय ने अर्जी दाखिल कर कहा है कि हाई कोर्ट के जस्टिस की रिटायरमेंट उम्र 65 साल किए जाने का निर्देश दिया जाए। गौरतलब है कि अभी सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस की रिटायरमेंट की उम्र 65 साल और हाई कोर्ट के जस्टिस की रिटायरमेंट की उम्र 62 साल है।

चीफ जस्टिस रंजन गोगोई को भी लिखा गया था पत्रयाचिकाकर्ता वकील अश्विनी उपाध्याय ने अर्जी में कहा है कि 25 मार्च 2021 को कानून मंत्री ने राज्यसभा में कहा था कि हाई कोर्ट के जस्टिस की रिटायरमेंट की उम्र में बढ़ोतरी का कोई प्रस्ताव नहीं है। याची ने कहा कि 2010 में एक बिल पेश किया गया था और हाई कोर्ट के जस्टिस की रिटायरमेंट उम्र बढ़ाने को लेकर ये बिल था। लेकिन 2014 में वह बिल लैप्स कर गया। 22 जून 2019 को तत्कालीन चीफ जस्टिस रंजन गोगोई को भी लेटर लिखा था और हाई कोर्ट के जस्टिस की रिटायरमेंट उम्र 65 साल किए जाने की बात कही थी।

दोनों की उम्र एक समान की जाने की मांगहाई कोर्ट की स्वायत्तता बनाए रखने के लिए जरूरी है कि हाई कोर्ट के जस्टिस की रिटायरमेंट की उम्र 65 किया जाना चाहिए ताकि वह स्वतंत्र तरीके से कम करते रहें और सुप्रीम कोर्ट जाने की उम्मीद में के बिना हाई कोर्ट में 65 साल तक काम करें। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के जजों की रिटायरमेंट की उम्र एक समान यानी 65 होना चाहिए। हाई कोर्ट के जजों की रिटायरमेंट की उम्र सुप्रीम कोर्ट के जजों के रिटायरमेंट के बराबर किए जाने से काफी लाभ होगा और हाई कोर्ट के जजों के अनुभव का लाभ मिलेगा।

दाखिलइससे स्पीडी जस्टिस का लाभ मिलेगा जो संविधान के अनुच्छेद-21 के तहत कहा गया है। राइट टु जस्टिस मौलिक अधिकार है। पेंडेंसी कम करने के लिए प्रयास की जारूरत है। स्पीडी जस्टिस मिले ये संवैधानिक अधिकार है। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट केंद्र सरकार को निर्देश जारी करे कि वह हाई कोर्ट के जस्टिस की रिटायरमेंट उम्र बढ़ाकर 65 करे और सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस के रिटायरमेंट की उम्र के बराबर हाई कोर्ट के जस्टिस के रिटायरमेंट की उम्र हो और दोनों एक समान हो।

केंद्र सरकार के दो मंत्रालय को बनाया गया प्रतिवादीयाचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय और कानून मंत्रालय को प्रतिवादी बनाया है और गुहार लगाई है कि केंद्र सरकार को सुप्रीम कोर्ट निर्देश जारी करे कि हाई कोर्ट के जजों की रिटायरमेंट की उम्र सुप्रीम कोर्ट के जजों के रिटायरमेंट के बराबर करें। साथ ही गुहार लगाई गई है कि जब तक केंद्र सरकार ये फैसला नहीं लेती तब तक सुप्रीम कोर्ट अपने संवैधानिक अधिकार का इस्तेमाल करे और हाई कोर्ट के जजों के रिटायरमेंट की उम्र 65 साल कर दे ताकि अनुच्छेद-21 के तहत स्पीडी जस्टिस का अधिकार लोगों को मिले। एडवोकेट उपाध्याय ने एनबीटी को बताया कि अर्जी पर अगले हफ्ते सुनवाई हो सकती है।

साभार : नवभारत टाइम्स

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