Bijapur Encounter: हाल के सालों में कब-कब और कहां-कहां नक्सली हमलों से हिला देश
नक्सलियों पर नकेल कसने के लिए केंद्र सरकार लगातार प्रयास कर रही है। इस कोशिश में हर साल बड़ी संख्या में सुरक्षा बल के जवान अपनी जान गंवा रहे हैं। बीते कुछ वर्षों में देश के पांच राज्यों में घटित घटनाओं ने लोगों को हिला दिया है। उसके बाद सभी मन में यह सवाल है कि आखिर नक्सली घटनाओं पर लगाम कब लगेगा।
छत्तीसगढ़ के बीजापुर नक्सली हमले में 22 जवानों ने अपनी शहादत दी है। अभी मृतकों की अंतिम सूची नहीं आई है। ऐसे में शहीद जवानों की संख्या बढ़ भी सकती है। शनिवार को सुकमा-बीजापुर में हुए नक्सली हमले में 22 जवानों ने जान गंवाई है। इसके साथ ही 36 जवान घायल हुए हैं। इसी साल 4 मार्च को झारंखड जगुआर के तीन जवान नक्सली हमले में शहीद हुए थे। पश्चिमी सिंहभूम जिले में नक्सलियों ने आईईडी लगाकर जवानों को उड़ा दिया था।
इससे पहले मार्च 2020 में भी छत्तीसगढ़ के सुकमा में ही एनकाउंटर के दौरान डीआरजी और एसटीएफ के 17 जवानों ने अपनी गंवाई थी। इसी साल नक्सलियों ने बिहार के गया जिले में एक स्कूल बिल्डिंग को उड़ा दिया था। हालांकि इसमें किसी की जान नहीं गई थी।
इसके साथ ही नवंबर 2019 में झारखंड के लातेहार जिले में नक्सलियों ने पुलिस पार्टी पर हमला कर चार जवानों की हत्या कर दी थी। 2019 मई में भी नक्सलियों ने महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में पुलिस पार्टी पर हमला कर दिया था। इसमें 15 पुलिसकर्मी शहीद हुए थे। वहीं, मार्च 2018 में नक्सलियों ने आईईडी ब्लास्ट कर छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में जवानों को उड़ा दिया था। इसमें सीआरपीएफ के आठ जवान शहीद हुए थे। इस दौरान सीआरपीएफ के जवान एंटी माइन्स गाड़ी से ऑपरेशन के लिए निकले थे।
2018 अक्टूबर में नक्सलियों ने दो पुलिस जवान और एक मीडियाकर्मी की हत्या कर दी थी। वहीं, अप्रैल 2017 में बस्तर में नक्सल हमले के दौरान 26 सीआरपीएफ के जवान शहीद हुए थे। साथ ही आठ लोग घायल हुए थे। यह हमला बुरकापाल-चिंतागुफा इलाके में हुआ था।
इसके साथ ही मार्च 2017 में भी छत्तीसगढ़ के सुकमा में नक्सली हमले के दौरान सीआरपीएफ के 12 जवान शहीद हुए थे। एंबुश के जरिए इस हमले को अंजाम दिया गया था। हमले के बाद नक्सलियों ने जवानों के शरीर के अंदर एक्सप्लोसिव भर दिया था।
साभार : नवभारत टाइम्स