शशिकला के खिलाफ पनीरसेल्वम की बगावत, आवास के बाहर सुरक्षा कड़ी

शशिकला के खिलाफ पनीरसेल्वम की बगावत, आवास के बाहर सुरक्षा कड़ी
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चेन्नई:अन्नाद्रमुक में मंगलवार रात वीके शशिकला के खिलाफ बगावत फूट पड़ी, जब मुख्यमंत्री ओ पनीरसेल्वम ने यह कहकर सनसनी फैला दी कि उन्हें रविवार को इस्तीफे के लिए मजबूर होना पड़ा ताकि शशिकला के इस पद पर काबिज होने का रास्ता साफ हो सके। बगावत करने पर शशिकला ने पनीरसेल्वम को कोषाध्यक्ष पद से हटाकर डिंडीगुल श्रीनिवासन को नया कोषाध्यक्ष नियुक्त किया है।

तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में सियासी गतिविधियां तेज हैं। पनीरसेल्वम और शशिकला के आवास के बाहर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। चेन्नई में पनीरसेल्वम के समर्थकों ने कल उनके घर के बाहर जमावड़ा लगाना शुरू कर दिया था।

पन्नीरसेल्वम ने संकेत दिए हैं कि अगर तमिलनाडु की जनता और पार्टी कार्यकर्ता चाहेंगे तो वह अपना इस्तीफा वापस ले सकते हैं।

पनीरसेल्वम ने तोड़ी चुप्पी, बोले- शशिकला को सीएम बनाने के लिए मजबूर किया गया
आमतौर पर शांत रहने वाले और जयललिता के भरोसेमंद रहे पनीरसेल्वम ने पांच दिसंबर को जयललिता के निधन के बाद पार्टी की घटनाओं पर अपनी चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि वरिष्ठ मंत्रियों और नेताओं द्वारा उनका अपमान किया गया और इन लोगों ने उन्हें मुख्यमंत्री बनाने के बाद उन्हें कमतर करने का प्रयास किया।

यह घटनाक्रम ऐसे दिन हुआ है जब वरिष्ठ अन्नाद्रमुक नेता और राज्य विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष पीएच पांडियान ने शशिकला के खिलाफ बगावत का बिगुल फूंका। पनीरसेल्वम ने मंगलवार को जयललिता की समाधि का अप्रत्याशित दौरा किया और करीब 40 मिनट ध्यान किया, जिससे राजनीतिक हलकों में हलचल पैदा हो गई।

बाद में पत्रकारों से बाद करते हुए उन्होंने पूरी कहानी बताई कि किस तरह शशिकला को मुख्यमंत्री बनाने के लिए उन्हें मजबूर करने का प्रयास किया गया।

पनीरसेल्वम ने कहा कि जयललिता के निधन के बाद उनका मुख्य काम पार्टी और सरकार की छवि की रक्षा करना था जैसा कि दिवंगत मुख्यमंत्री छोड़कर गई थीं, लेकिन उनके प्रयासों को ध्वस्त करने की कोशिश की गई।

उन्होंने कहा कि बीते रविवार को उन्हें जयललिता के निवास पोइस गार्डन बुलाया गया जहां शशिकला रह रही हैं। आवास पर पार्टी के वरिष्ठ नेता, विधायक, मंत्री और उनके परिजन मौजूद थे।

उन्होंने कहा, मुझे बैठक के लिए बुलाया गया, जिसके विषय के बारे में मुझे पता नहीं था। मैं चिनम्मा (शशिकला) के पास गया और उन लोगों ने मुझ से इस्तीफे के लिए कहा। उन्होंने कहा कि मुझे शशिकला को मुख्यमंत्री बनाने के लिए इस्तीफा देना चाहिए। मैंने उनसे पूछा कि विधायकों की बैठक की क्या जरूरत है। उन्होंने कहा कि पार्टी महासचिव और मुख्यमंत्री पद एक व्यक्ति के पास होने चाहिए।

‘इस्तीफे के लिए दो घंटे समझाया’
पनीरसेल्वम ने कहा, दो घंटे के लिए उन्होंने मुझे समझाया। लेकिन मैंने उनसे पूछा कि क्या मुझसे इस्तीफे के लिए कहना सही है क्योंकि अन्नाद्रमुक विधायक दल के नेता के रूप में मुझे चुना गया जबकि मैं पहली बार में ऐसा नहीं चाहता था। फिर भी मैंने सब अपमान सहा ताकि पार्टी का अनुशासन बना रहे।

उन्होंने कहा कि वह अपने मन की बातों को बाहर निकालने के लिए जयललिता की समाधि पर गये थे लेकिन उन्हें अनुमति नहीं दी गई।

उन्होंने कहा, उस समय उन्होंने मुझे मजबूर किया और कहा कि आपको पार्टी का अनुशासन मानना चाहिए। मैंने इस्तीफा दे दिया क्योंकि मुझे मजबूर किया गया।

‘अम्मा की आत्मा ने मुझे कुछ कहने को कहा’
पन्नीरसेल्वम ने कहा, मैं ऐसा मुख्यमंत्री चाहता हूं जो राज्य की जनता और राज्य का संरक्षण करे, चाहे यह ओपीएस (ओ पनीरसेल्वम) नहीं भी हो। लेकिन उसे उस सरकार की छवि की रक्षा करनी होगी जो जया ने हमें दी। मैं अंत तक इसकी लड़ाई लड़ूंगा चाहे मैं अकेला ही क्यों नहीं हूं।

यह पूछे जाने पर कि क्या वह अपना इस्तीफा वापस ले सकते हैं, उन्होंने कहा, हां अगर राज्य की जनता और पार्टी कार्यकर्ता ऐसा चाहें तो, मैं यह करूंगा।

अपोलो अस्पताल में जयललिता के अंतिम दिनों के समय से घटनाओं के बारे में बताते हुए पन्नीरसेल्वम ने कहा कि दिवंगत मुख्यमंत्री की आत्मा ने मुझे कुछ कहने के लिए कहा इसलिए वह खुद को पत्रकारों के सामने रख रहे हैं।

उन्होंने कहा कि जयललिता के अपोलो अस्पताल में करीब 70 दिन गुजारने के बाद शशिकला ने उनसे इस बात पर चर्चा की कि अगर जयललिता के साथ कुछ अप्रिय होता है तो पार्टी और सरकार कैसे चलाई जाए।

उन्होंने कहा कि वह दुखी हुए और उन्होंने पूछा कि इन विषयों पर चर्चा की क्या जरूरत है।

शशिकला के शपथ ग्रहण पर कल रही अनिश्चितता
इससे पहले कल, शशिकला के तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने पर अनिश्चितता रही क्योंकि राज्यपाल विद्यासागर राव ने चेन्नई आने की अपनी योजना टाल दी। इस बीच अन्नाद्रमुक और बागी नेताओं के बीच जे जयललिता की मत्यु को लेकर आरोप प्रत्यारोप तेज हो गया।

राज्यपाल विद्यासागर राव की योजना को लेकर अनिश्चितता के मद्देनजर अन्नाद्रमुक ने इस बात पर जोर दिया कि शशिकला को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाना राज्यपाल का संवैधानिक दायित्व है और इसे रोकने का कोई आधार नहीं है।

मुंबई में राजभवन सूत्रों ने बताया कि राव मुंबई में हैं और फिलहाल चेन्नई जाने की उनकी कोई योजना नहीं है। सूत्रों ने यह संकेत दिया कि वह कल कोई निर्णय कर सकते हैं। राव महाराष्ट्र के राज्यपाल हैं और वह तमिलनाडु का अतिरिक्त प्रभार संभाल रहे हैं।

थम्बीदुरई ने पनीरसेल्वम के दावों को खारिज किया
अन्नाद्रमुक नेता एवं लोकसभा डिप्टी स्पीकर एम थम्बीदुरई ने पनीरसेल्वम के इस दावे को खारिज कर दिया कि उन्हें मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया गया है। उन्होंने कहा कि पार्टी प्रमुख शशिकला मुख्यमंत्री होंगी क्योंकि सभी विधायक चिनम्मा के साथ हैं।

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