Who Is Next CJI: चीफ जस्टिस के तौर पर जस्टिस रमना के नाम की सिफारिश सरकार को भेजी गई
चीफ जस्टिस एसए बोबडे ने सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एनवी रमना का नाम अगले चीफ जस्टिस के तौर पर सिफारिश की है। चीफ जस्टिस बोबडे 23 अप्रैल को रिटायर हो रहे हैं और अगले चीफ जस्टिस की शपथ 24 अप्रैल को होगी। जस्टिस रमना सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस बोबडे के बाद सबसे सीनियर जस्टिस हैं।
क्या है प्रक्रियाहाल ही में लॉ मिनिस्टर ने चीफ जस्टिस से आग्रह किया था कि वह अपने उत्तराधिकारी के नाम की सिफारिश करें। तय प्रक्रिया के मुताबिक तत्कालीन चीफ जस्टिस सबसे सीनियर जस्टिस का नाम अगले चीफ जस्टिस के तौर पर नियुक्त करने की सिफारिश करते हैं और फिर राष्ट्रपति द्वारा नाम पर मुहर लगाई जाती है।
जस्टिस रमना का कार्यकालजस्टिस रमना देश के 48 वें चीफ जस्टिस होंगे। उनका कार्यकाल 26 अगस्त 2022 तक होगा। रमना फरवरी 1983 में एडवोकेट बने थे। उसके बाद वह आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट में तमाम सरकारी डिपार्टमेंट के लिए वकील के तौर पर पैनल में रहे। फिर भारत सरकार के वकील के तौर पर पैनल में रखा गया। वह आंध्र प्रदेश के अडिशनल एडवोकेट जनरल भी बने। उन्हें 27 जून 2000 को हाई कोर्ट का परमानेंट जज बनाया गया। साथ ही 2 सितंबर 2013 को उन्हें दिल्ली हाई कोर्ट का चीफ जस्टिस बनाया गया। वह 17 फरवरी 2014 को सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस बनाए गए।
जस्टिस रमना की अहम टिप्पणीजस्टिस रमना ने पिछले साल एक अहम फैसले में कहा था कि इंटरनेट के जरिये अभिव्यक्ति की आजादी संरक्षित है। 10 जनवरी 2020 को दिए फैसले में कहा था कि इंटरनेट के जरिये विचार अभिव्यक्ति का अधिकार और व्यापार व व्यवसाय का अधिकार संवैधानिक तौर पर संरक्षित है और इस पर संवैधानिक प्रावधानों के तहत ही रिस्ट्रिक्शन लगाया जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एनवी रमना की अगुवाई वाली बेंच ने कहा था कि नागिरकों के अधिकार और लिबर्टी सुरक्षित रहें ये सुनिश्चित करना हमारा काम है साथ ही कहा कि लिबर्टी और सिक्युरिटी आमने सामने की भिडंत है। उन्होंने कहा था कि सिद्धांत ये है कि अगर मौलिक अधिकार का उल्लंघन होता है किसी आदेश से तो राज्य को ऐसे ऑर्डर को कोर्ट के सामने पेश करना चाहिए।
साभार : नवभारत टाइम्स