सड़क से संसद तक शहीदी दिवस के अलग-अलग रंग, किसानों ने पगड़ी बांध जताया विरोध
आज किसानों ने सिर पर पीले रंग की पगड़ी बांधकर शहीदी दिवस मनाया। इस दौरान किसानों ने शहीदों को याद भी किया। इससे पहले भी किसानों ने सीकरी बॉर्डर में भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरू की बड़ी सी तस्वीर लगाई गई थी। किसानों का कहना था कि जिस तरह ये तीनों आजादी के लिए हंसते-हंसते फांसी के तख्ते पर झूल गए थे वैसे ही हम जब तक तीनों काले कानून वापस नहीं हो जाएगा हम लड़ते रहेंगे।
नए कृषि कानून के विरोध में किसान बीते तीन महीनों ने आंदोलन कर रहे हैं। आज 23 मार्च के दिन सड़क से लेकर संसद तक शहीदी दिवस के अलग-अलग रंग देखने को मिले। आज के ही दिन आजादी के दीवाने (शहीद भगत सिंह, शहीद सुखदेव, शहीद राजगुरू) को अंग्रेजी हुकूमत ने फांसी के तख्ते पर चढ़ा दिया था।
आज किसानों ने सिर पर पीले रंग की पगड़ी बांधकर शहीदी दिवस मनाया। इस दौरान किसानों ने शहीदों को याद भी किया। इससे पहले भी किसानों ने सीकरी बॉर्डर में भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरू की बड़ी सी तस्वीर लगाई गई थी। किसानों का कहना था कि जिस तरह ये तीनों आजादी के लिए हंसते-हंसते फांसी के तख्ते पर झूल गए थे वैसे ही हम जब तक तीनों काले कानून वापस नहीं हो जाएगा हम लड़ते रहेंगे।
पगड़ी बांधकर सरकार से आर-पार की लड़ाई की ठानी
किसान आंदोलन के धरनास्थल पर आज से किसानों का सैलाब फिर से उमड़ना शुरू हो गया। आज किसानों ने शहीदी दिवस मनाया। इस दौरान किसानों ने पीले रंग की पगड़ी पहनी और फिर सरकार के खिलाफ बिगुल फूंका। इस पूरे हफ्ते किसानों के तीन बड़े कार्यक्रम हैं। उसमें 23 मार्च को शहीदी दिवस, 26 मार्च को होने वाले भारत बंद के अलावा 28 मार्च को होलिका दहन शामिल है।
शहीदी दिवस पर नुक्कड़ नाटक और सभाएं
संयुक्त किसान मोर्चा, गाजीपुर बॉर्डर के किसान नेता जगतार सिंह बाजवा ने एनबीटी को बताया कि आज शहीदी दिवस पर उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और हरियाणा से भारी संख्या में किसान पहुंच रहे हैं। शहीद भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव की कुर्बानियों को याद करते हुए कई कार्यक्रम आयोजित होंगे। इस दौरान नुक्कड़ नाटक भी होंगे। हरियाणा से लोक गीत के गायक भी आ रहे हैं।
छोटे बच्चे ने भी पहनी पगड़ी
आंदोलन स्थल में इस बच्चे ने भी सिर पर पगड़ी बांधी। इस दौरान बच्चा आकर्षण का केंद्र भी बना रहा। पीली पगड़ी में ये बच्चा बेहद खूबसूरत लग रहा था। लोग इस बच्चे के साथ सेल्फी लेने से भी खुद को रोक नहीं सके।
‘शहीदी दिवस को मनाने का उद्देश्य काले कृषि कानूनों की खिलाफत’
बीकेयू के यूपी प्रदेश अध्यक्ष राजबीर सिंह जादौन ने बताया कि यूपी और उत्तराखंड से किसानों को धरनास्थल में लाने की योजना पर काम शुरू है। हर गांव से 10 से अधिक किसानों के यहां आने की योजना है। ऐसे में किसानों की संख्या कई हजार बढ़ने की संभावना है। शहीदी दिवस को मनाने का उद्देश्य काले कृषि कानूनों की खिलाफत है। वीर शहीदों ने भी अंग्रेजी कानून नहीं माना और प्राणों का बलिदान किया था। किसान भी शहीद दिवस पर प्रण करेंगे कि नए कृषि कानून नहीं मानेंगे, चाहे मर जाएं।
साभार : नवभारत टाइम्स