हरियाणा में बंद होंगे 1057 सरकारी स्‍कूल, कांग्रेस बोली- 'पढ़ाई-लिखाई का बंटाधार करने में जुटी खट्टर सरकार'

हरियाणा में बंद होंगे 1057 सरकारी स्‍कूल, कांग्रेस बोली- 'पढ़ाई-लिखाई का बंटाधार करने में जुटी खट्टर सरकार'
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चंडीगढ़
हरियाणा सरकार ने अगले शैक्षणिक सत्र से 1057 प्राथमिक और मिडिल स्कूलों (Government Schools Close In Haryana) को बंद करने का फैसला लिया है। इन स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या 25 से कम है। स्कूल शिक्षा विभाग ने स्कूलों को बंद कर एक किलोमीटर के दायरे में मौजूद स्कूलों में समाहित करने के लिए सभी डीईईओ से सूची मांगी है। वहीं, मुख्‍यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा है कि जेबीटी टीचरों की मांग अब धीरे-धीरे कम होती जा रही है। ऐसा पहले की सरकारों की तरफ से बनाई गई नीतियों की वजह से हो रहा है। अब कांग्रेस ने स्‍कूलों को बंद करने और जेबीटी टीचरों के मुद्दे पर मुख्‍यमंत्री खट्टर पर निशाना साधा है।

कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि हरियाणा में बीजेपी सरकार पढ़ाई लिखाई का बंटाधार करने में जुटी हुई है। गुरुवार को कांग्रेस के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया गया- ‘पहले खट्टर सरकार ने 1,057 सरकारी स्कूलों को बंद करने का फैसला किया और अब सीएम खट्टर विधानसभा में कह रहे हैं कि JBT अध्यापकों की जरूरत नहीं है। पढ़ाई-लिखाई का बंटाधार करने पर क्यों तुली हुई है बीजेपी सरकार?’

743 प्राइमरी और 314 मिडिल स्‍कूलों में 25 से कम बच्‍चे
गौरतलब है कि एक दिन हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र में प्रदेश के 1057 प्राइमरी और मिडिल स्‍कूल बंद करने का ऐलान किया गया था। जिन स्कूलों में 25 से कम छात्र हैं, वो स्कूल नए शैक्षिक सत्र में बंद होंगे। हरियाणा में ऐसे 743 प्राइमरी स्कूल हैं, जहां 25 से कम छात्र हैं। इसके साथ कम विद्यार्थियों वाले 314 मिडिल स्‍कूलों को भी आसपास के विद्यालयों में समायोजित किया जाएगा। इसके साथ ही इन स्कूलों में तैनात 1304 जेबीटी शिक्षकों को दूसरे स्कूलों में ट्रांसफर किया जाएगा।

कांग्रेस सरकार में हुई नियुक्तियां कोर्ट में अटकीं: खट्टर
विधानसभा में मुख्‍यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने जेबीटी अध्‍यापकों की उपयोगिता पर भी सवाल उठाए थे। उन्‍होंने कहा कि हरियाणा की पहले की सरकारों ने ऐसी नीतियां बनाईं जिससे इन अध्‍यापकों की मांग धीरे-धीरे घटती जा रही है। खट्टर ने कहा कि कांग्रेस सरकार के समय में गेस्‍ट टीचर्स की नियुक्ति हुई जिसको बाद में सुप्रीम कोर्ट में चैंलेंज किया गया। इन वजहों से भी जेबीटी टीचर अब कम होते जा रहे हैं।

साभार : नवभारत टाइम्स

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