सरकारी कर्मचारी हूं सस्पेंड हो जाऊंगा…सुप्रीम कोर्ट बोला, रेप करने से पहले सोचना था

सरकारी कर्मचारी हूं सस्पेंड हो जाऊंगा…सुप्रीम कोर्ट बोला, रेप करने से पहले सोचना था
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नई दिल्ली
नाबालिग लड़की से रेप के आरोपी ने गिरफ्तारी से प्रोटेक्शन की मांग की। इस दौरान ने सवाल किया कि क्या वह लड़की से शादी करेगा? दरअसल नाबालिग से रेप के आरोपी ने नाबालिग के परिजनों को भरोसा दिया था कि लड़की जैसे ही बालिग हो जाएगी वह शादी कर लेगा लेकिन उसने ऐसा नहीं किया तब आरोपी के खिलाफ रेप और पोक्सो के तहत केस दर्ज किया गया है।

इस मामले में सेशन कोर्ट से आरोपी को अग्रिम जमानत मिल गई थी लेकिन हाई कोर्ट ने सेशन कोर्ट के आदेश को खारिज कर दिया था जिसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा है। सुप्रीम कोर्ट ने रेग्युलर बेल दाखिल करने की इजाजत दी और चार हफ्ते के लिए गिरफ्तारी से प्रोटेक्शन दिया गया। मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता आरोपी की ओर से दलील दी गई कि उसे गिरफ्तारी से प्रोटेक्शन दी जाए वह महाराष्ट्र सरकार में सरकारी कर्मी है अगर गिरफ्तारी हुई तो वह सस्पेंड हो जाएगा। तब सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आपको ये बात लड़की बरगलाने और रेप करने से पहने सोचना चाहिए था।

सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अर्जी पर सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस की अगुवाई वाली बेंच ने आरोपी से सवाल किया कि क्या वह विक्टिम से शादी करेगा? इस पर आरोपी के वकील ने कहा कि वह इस मामले में अपने क्लाइंट से निर्देश लेकर आएंगे। कोर्ट ने कहा कि हम आपको शादी के लिए दबाव नहीं डाल रहे हैं। ये आपको देखना है कि आपको क्या करना है। अन्यथा आप कहेंगे कि हमने आपको शादी के लिए दबाव डाला है। बाद में जब दोबारा केस टेकअप हुआ तब आरोपी के वकील ने कोर्ट को बताया कि आरोपी लड़की से शादी नहीं कर सकता क्योंकि वह शादीशुदा है। याची पहले शादी के लिए तैयार था लेकिन लड़की ने मना किया था।

सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के खिलाफ आरोपी की अर्जी पर राहत नहीं दी लेकिन आरोपी को इस बात की इजाजत दे दी कि वह संबंधित अदालत में रेग्युलर बेल की अर्जी दाखिल कर सकते हैं और उसकी गिरफ्तारी पर चार हफ्ते के लिए रोक लगा दी है। आरोपी के खिलाफ 2019 में लड़की की शिकायत पर रेप और पोक्सो के तहत केस दर्ज किया गया था।

आरोपी पर लड़की का आरोप है कि 2014-15 में लड़की 16 साल की थी इस दौरान उसके दूर के रिश्तेदार (आरोपी) का उसके घर आना जाना था और एक दिन जब घर में कोई नहीं था तो उसके साथ जबरन रेप किया। बाद में उसे इस बारे में किसी न बताने की धमकी दी और बाद में कई बार संबंध बनाए। लड़की डर से किसी को ये बात नहीं बता पाई। लेकिन बाद में उसने सारी बातेंं घर वालों को बता दी।

जब थाने में वह शिकायत करने वाले थे तब आरोपी के परिजनों ने कहा कि लड़की को वह बहू बना लेंगे और बालिग होने पर लड़का (आरोपी) उससे शादी करेगा। लेकिन बाद में उसने शादी से मना कर दिया तब लड़की की ओर से केस दर्ज कराया गया। सेशन कोर्ट से आरोपी को अग्रिम जमानत मिल गई लेकिन बॉम्बे हाई कोर्ट (औरंगाबाद बेंच) ने सेशन कोर्ट के फैसले को खारिज कर जमानत कैंसल कर दिया। फिर मामला सुप्रीम कोर्ट के सामने आया है।

साभार : नवभारत टाइम्स

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