संसद में पीएम मोदी बोले आंदोलनजीवी, किसान संगठनों ने कहा- अंग्रेजों को भगाने वाले वही थे, हमें गर्व है

संसद में पीएम मोदी बोले आंदोलनजीवी, किसान संगठनों ने कहा- अंग्रेजों को भगाने वाले वही थे, हमें गर्व है
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नई दिल्ली
पीएम मोदी ने आज राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के तहत हुई चर्चा का जवाब दिया। पीएम मोदी ने कहा, ‘हम लोग कुछ शब्‍दों से बड़े परिचित हैं। श्रमजीवी, बुद्धिजीवी, ये सारे शब्‍दों से परिचित हैं, लेकिन मैं देख रहा हूं कि पिछले कुछ समय से इस देश में एक नई जमात पैदा हो गई है और वो है आंदोलनजीवी। पीएम मोदी के आंदोलनजीवी वाले शब्द पर विवाद हो गया। संयुक्ता किसान मोर्चा SKM ने कहा कि प्रधानमंत्री ने किसानों का अपमान किया है। किसान प्रधानमंत्री को याद दिलाना चाहेंगे कि वे आन्दोलनजीवी ही थे जिन्होंने भारत को औपनिवेशिक शासकों से मुक्त करवाया था और इसीलिए हमें आंदोलनजीवी होने पर गर्व भी है।

पीएम मोदी ने क्या कहाप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर राज्यसभा में सोमवार को सदन के सदस्यों को संबोधित किया। पीएम ने नए कृषि कानूनों को लेकर आंदोलनकारी किसानों को चौधरी चरण सिंह के बयान के जरिये जवाब दिया। पीएम मोदी ने अपने संबोधन में 12 करोड़ छोटे किसानों का जिक्र कर आंदोलन में शामिल बड़े किसानों पर निशाना साधा। पीएम मोदी ने कहा कि सदन में जितनी बातें की गईं वह किसान आंदोलन को लेकर थीं। किस बात को लेकर आंदोलन रहा वह मौन रहे। पीएम ने कहा कि जो मूलभूत बात है उस पर चर्चा होता तो अच्छा रहता। पीएम ने कहा कि हमारे कृषि मंत्री ने कृषि कानून को लेकर अच्छे तरीके से सदन में चर्चा की है।

संयुक्त किसान मोर्चा बिफरा संयुक्त किसान मोर्चा SKM ने कहा कि प्रधानमंत्री ने जो किसानों का अपमान किया है हम निंदा करते हैं। उन्होंने आगे कहा, ‘किसान प्रधानमंत्री को याद दिलाना चाहेंगे कि वे आन्दोलनजीवी ही थे जिन्होंने भारत को औपनिवेशिक शासकों से मुक्त करवाया था और इसीलिए हमें आंदोलनजीवी होने पर गर्व भी है। यह भाजपा और उसके पूर्वज ही है जिन्होंने कभी भी अंग्रेजों के खिलाफ कोई आंदोलन नहीं किया। वे हमेशा जन आंदोलनों के खिलाफ थे इसलिए वे अभी भी जन आंदोलनों से डरते हैं।’

सरकार का अड़ियल रवैया- मोर्चामोर्चा की ओर से कहा गया कि अगर सरकार अब भी किसानों की मांगों को स्वीकार करती है, तो किसान वापस जाकर पूरी मेहनत से खेती करने के लिए अधिक खुश होंगे। यह सरकार का अड़ियल रवैया है जिसके कारण ये आंदोलन लंबा हो रहा है जो कि आंदोलनजीवी पैदा कर रहा है। एमएसपी पर खाली बयानों से किसानों को किसी भी तरह से फायदा नहीं होगा और अतीत में भी इस तरह के अर्थहीन बयान दिए गए थे। किसानों को वास्तविकता में और समान रूप से टिकाऊ तरीके से तभी लाभ होगा जब सभी फसलों के लिए एमएसपी को ख़रीद समेत कानूनी गारंटी दी जाती है।

सरकार पर बरसते हुए मोर्चा ने कहा, ‘हम सभी तरह के FDI का विरोध करते है। पीएम का एफडीआई दृष्टिकोण भी खतरनाक है, यहां तक कि हम खुद को किसी भी FDI “विदेशी विनाशकारी विचारधारा” से दूर करते हैं। हालांकि, SKM रचनात्मक लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं के साथ खड़ा है जो दुनिया में कहीं भी बुनियादी मानवाधिकारों को बनाए रखते हैं और पूरी दुनिया में सभी न्यायसंगत विचारधारा वाले नागरिकों से समान पारस्परिकता की अपेक्षा करते हैं क्योंकि “कहीं भी हो रहा अन्याय हर जगह के न्याय के लिए खतरा है”।

साभार : नवभारत टाइम्स

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