राजनाथ सिंह का डिफेंस प्रोडक्शन बढ़ाने पर जोर, बोले- भारत की रक्षा के लिए दूसरों पर निर्भर नहीं रह सकते
राजनाथ ने कहा, ‘भारत अपनी रक्षा के लिए दूसरे देशों पर निर्भर नहीं रह सकता।’ उन्होंने कहा कि हल्का लड़ाकू विमान (एलसीए) न केवल स्वदेशी है बल्कि अनेक मानकों पर अपने विदेशी समकक्षों से बेहतर भी है और अपेक्षाकृत सस्ता है। उन्होंने कहा, ‘अनेक देशों ने तेजस में रुचि दिखाई है। भारत कुछ साल में रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में 1.75 लाख करोड़ रुपये के लक्ष्य को हासिल करेगा।’
मार्च 2024 से शुरू होगी तेजस की डिलिवरी
एचएएल के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक आर माधवन ने हाल ही में कहा था कि 48,000 करोड़ रुपये के सौदे के तहत तेजस एलसीए की भारतीय वायु सेना को आपूर्ति मार्च 2024 से शुरू होगी और 83 लड़ाकू विमानों की आपूर्ति पूरी होने तक हर साल करीब 16 विमानों को शामिल किया जाएगा।
कई देशों ने दिखाई तेजस में रुचि, जल्द होगा निर्यात
माधवन ने यह भी कहा था कि अनेक देशों ने तेजस खरीदने में रुचि दिखाई है और निर्यात का पहला ऑर्डर अगले कुछ साल में आ सकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सुरक्षा पर मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीएस) ने 13 जनवरी को इस सौदे को मंजूरी दी थी।
साभार : नवभारत टाइम्स