Budget 2021-22: LAC पर तनाव के बीच रक्षा के लिए खुले हाथ से खर्च
लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (Line Of Actual Control) पर चीन के साथ चल रहे गतिरोध के बीच डिफेंस बजट में पिछले साल के मुकाबले 18.75 पर्सेंट की बढ़ोतरी की गई है। 21326 करोड़ रुपये की यह बढ़ोतरी कैपिटल एक्सपेंडिचर (खरीद के लिए इस्तेमाल बजट) में की गई है। यह बढ़ोतरी तब हुई है जब पिछले साल इमरजेंसी खरीद के लिए आर्म्ड फोर्सेस को अतिरिक्त 20776 करोड़ रुपये दिए गए।
डिफेंस पेंशन में 1.15 लाख करोड़ खर्चबजट में डिफेंस के लिए कुल 4.78 लाख करोड़ रुपये दिए गए हैं। इसमें डिफेंस पेंशन भी शामिल है। डेटा के मुताबिक डिफेंस पेंशन पिछले साल के अनुमान के हिसाब से कम हुई है। पिछले साल डिफेंस पेंशन के लिए बजट का अनुमान 1.34 लाख करोड़ रुपये था और फिर रिवाइज्ड बजट में यह घटकर 1.25 लाख करोड़ रुपये हो गया। इस बार बजट में डिफेंस पेंशन में 1.15 लाख करोड़ खर्च होने का अनुमान है यानी डिफेंस पेंशन में खर्चा कम हो रहा है।
फाइटर्स को फॉरवर्ड एरिया में तैनातपिछले साल मई से ईस्टर्न लद्दाख में चीन के साथ तनाव शुरू हुआ जो अब भी जारी है। चीन के साथ तनाव के बीच 20776 करोड़ रुपये इमरजेंसी खरीद के लिए दिए गए जो पहले दिए गए बजट से अतिरिक्त था। चीन के साथ गतिरोध शुरू होने के बाद भारतीय सेना ने करीब 50 हजार सैनिकों के साथ सैन्य साजो समान को ईस्टर्न लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर तैनात कर दिया। एयरफोर्स ने भी फाइटर्स को फॉरवर्ड एरिया में तैनात कर दिया।
2020 में इमरजेंसी खरीद के लिए 38 डील की गईसर्दी के मौसम में फ्रंट लाइन पर इतनी बड़ी संख्या में सैनिक पहली बार तैनात किए गए और उनकी जरूरतें पूरी करने के लिए इमरजेंसी खरीद की गई, जिसमें एक्सट्रीम वेदर क्लोदिंग, लाइट मशीन गन, लाइट स्पेशल वीइकल, इंफ्रेंट्री कॉम्बेट वीइकल भी शामिल है। कुछ दिन पहले ही आर्मी चीफ जनरल एम एम नरवणे ने कहा कि पिछले साल यानी 2020 में इमरजेंसी खरीद के लिए 38 डील की गई।
साभार : नवभारत टाइम्स