दिल्ली हिंसा-उपद्रव पर कई किसान नेता फंसे, राकेश टिकैत समेत इन सबके खिलाफ FIR

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नई दिल्ली
26 जनवरी को ट्रैक्टर परेड के दौरान राजधानी दिल्ली में हुई हिंसा और उपद्रव को लेकर अब ऐक्शन शुरू हो गया है। दिल्ली पुलिस की ओर से दर्ज की गई एफआईआर में कई बड़े किसान नेताओं के नाम भी शामिल किए गए हैं। किसान नेता दर्शन पाल, राजिंदर सिंह, बलबीर सिंह राजेवाल, बूटा सिंह बुर्जगिल और जोगिंदर सिंह को किसानों की ट्रैक्टर रैली को जारी की गई एनओसी का उल्लघंन करने का मामला दर्ज किया गया है। दिल्ली पुलिस की ओर से जानकारी दी गई है कि FIR में भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत का भी नाम है।

बताया जा रहा है कि राकेश टिकैत के साथ-साथ योगेंद्र यादव के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज की गई है। ईस्ट जिले के गाजीपुर थाने में भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत समेत तीन के खिलाफ नामजद एफआईआर की गई है। स्वराज इंडिया के संस्थापक योगेंद्र यादव के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है।

अलग-अलग थानों में अलग-अलग नेताओं के नाम से केस दर्ज हुए हैं। इन लोगों के खिलाफ गाजीपुर, पाण्डव नगर और सीमापुरी थाने में केस दर्ज हुए हैं। ईस्टर्न रेंज के जॉइंट कमिश्नर ने इस बात की पुष्टि की है कि पुलिस पर जहां-जहां हमले हुए हैं, ज़्यादातर केस वहीं दर्ज हुए हैं।

दिल्ली पुलिस ने सभी FIR क्लासीफाइड कर दिए हैं, जिन्हें अब एक पासवर्ड के जरिए सिर्फ आईओ और संबंधित मैजिस्ट्रेट ही खोल सकते हैं। दिल्ली पुलिस ने मंगलवार को राजधानी में हुई हिंसा के मामले में कुल 22 एफआईआर दर्ज की है।

सुप्रीम कोर्ट पहुंचा मामला
दिल्ली हिंसा का मामला बुधवार को सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया। कोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई, जिसमें गणतंत्र दिवस पर किसानों की ट्रैक्टर परेड़ में हुई हिंसा की जांच के लिए एक आयोग के गठन का अनुरोध किया गया है। याचिका में हिंसा के लिए और 26 जनवरी को राष्ट्रध्वज के अपमान के लिए जिम्मेदार लोगों या संगठनों के खिलाफ संबंधित धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज करने के संबंधित अधिकारियों को निर्देश देने का भी अनुरोध किया गया है।

कृषक संगठनों की केन्द्र के तीन नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग के पक्ष में मंगलवार को हजारों की संख्या में किसानों ने ट्रैक्टर परेड निकाली थी,लेकिन कुछ ही देर में दिल्ली की सड़कों पर अराजकता फैल गई। कई जगह प्रदर्शनकारियों ने पुलिस के अवरोधकों को तोड़ दिया, पुलिस के साथ झड़प की, वाहनों में तोड़ फोड़ की और लाल किले पर एक धार्मिक ध्वज लगा दिया था।

अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली पुलिस ने किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के संबंध में अभी तक 22 प्राथमिकियां दर्ज की हैं। हिंसा में 300 से अधिक पुलिस कर्मी घायल हो गए थे।

अधिवक्ता विशाल तिवारी द्वारा दाखिल याचिका में कहा गया है कि शीर्ष अदालत के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अगुवाई में तीन सदस्यीय जांच आयोग गठित किया जाए जो इस मामले में साक्ष्यों को एकत्र करे तथा उसे रिकॉर्ड करे और समयबद्ध तरीके से रिपोर्ट न्यायालय में पेश करे।

साभार : नवभारत टाइम्स

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