किसानों की ट्रैक्टर रैली को कांग्रेस का समर्थन, राहुल बोले- हिंसा किसी समस्या का हल नहीं
राजधानी में किसानों की ट्रैक्टर रैली में हुड़दंग से प्रदर्शन पटरी से उतरता दिख रहा है। अभी तक शांतिपूर्ण रहा आंदोलन मंगलवार को हिंसक हो गया। एक तो किसानों ने तय कार्यक्रम से पहले ही रैली शुरू कर दी। ऊपर से रूट में भी बदलाव किया गया। जब पुलिसकर्मियों ने उन्हें रोकने की कोशिश की तो उनपर हमला कर दिया गया। जैसे विजुअल्स सामने आ रहे हैं, उनमें प्रदर्शनकारी बैरिकेड्स तोड़ते और पुलिसकर्मियों पर ट्रैक्टर चढ़ाने की कोशिश करते दिख रहे हैं। आंदोलनकारी किसान लालकिले तक पहुंच गए हैं और पुलिस उन्हें कंट्रोल करने की कोशिश कर रही है। इन सबके बीच कांग्रेस ने किसानों का समर्थन किया है। दोपहर 2 बजे एक ट्वीट में पार्टी के आधिकारिक हैंडल से कहा गया, “जय जवान,जय किसान। कांग्रेस की तरफ से दोनों को सलाम।” हालांकि पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपने ट्वीट में कहा कि “हिंसा किसी समस्या का हल नहीं है। चोट किसी को भी लगे, नुकसान हमारे देश का ही होगा।”
राहुल की डिमांड, देशहित में वापस हों नए कृषि कानूनएक तरफ जहां कांग्रेस के आधिकारिक हैंडल से किसान रैली को ‘गणतंत्र की ताकत’ बताया गया। वहीं राहुल ने लिखा कि केंद्र सरकार ‘देशहित के लिए कृषि-विरोधी कानूनों को वापस ले।’ राहुल के हवाले से कांग्रेस ने ट्वीट किया, “काले कानूनों को रद्द किया जाना ही किसानों के हितों में होगा। काले कानूनों को स्वीकार करने का मतलब किसान के शोषण पर सहमति देने जैसा होगा।”
दिल्ली पुलिस की अपील, कानून हाथ में ने लें किसानदिल्ली पुलिस ने प्रदर्शनकारी किसानों से अपील की है कि वे कानून को हाथ में नहीं लें और शांति बनाए रखें।पुलिस ने किसानों से कहा कि वह पूर्व निर्धारित मार्ग पर ही ट्रैक्टर परेड़ निकालें। दिल्ली पुलिस के अतिरिक्त जनसंपर्क अधिकारी अनिल मित्तल ने कहा, ‘‘हम प्रदर्शनकारी किसानों से अनुरोध करते हैं कि वे कानून हाथ में नहीं ले और शांति बनाए रखें।’’
कई जगह लाठीचार्ज, दो गए आंसू गैस के गोलेकिसानों की ट्रैक्टर परेड पूर्व निर्धारित रास्ते से हटकर आईटीओ समेत कई अन्य जगहों पर पहुंच गई। किसान राजपथ की ओर जाना चाहते थे। जबकि दिल्ली पुलिस ने किसानों को राजपथ पर गणतंत्र दिवस परेड समाप्त होने के बाद कुछ तय रास्तों पर ही ट्रैक्टर परेड की अनुमति दी थी।
जब किसान मध्य दिल्ली की ओर जाने पर अड़ गए तो अफरा-तफरी के हालात बन गए। किसानों ने तय समय से पहले ही परेड शुरू कर दी और मध्य दिल्ली के आईटीओ पहुंच गए और लुटयंस दिल्ली में दाखिल होने की कोशिश करने लगे। फिर पुलिस ने किसानों पर तब लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े।
साभार : नवभारत टाइम्स