मानव तस्करी केस: दिल्ली और जयपुर वाले केस में चाइल्ड विक्टिम बिहार से दर्ज कराएंगे बयान

मानव तस्करी केस: दिल्ली और जयपुर वाले केस में चाइल्ड विक्टिम बिहार से दर्ज कराएंगे बयान
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नई दिल्ली
अदालत ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए उन चाइल्ड विक्टिम के बयान दर्ज करने के आदेश भी जारी किए हैं जो कोर्ट से दूर दूसरे राज्य में रहते हैं। राजधानी दिल्ली के कड़कड़ूमा और जयपुर में पेंडिंग केसों में बिहार के अपने जिलों में चाइल्ड विक्टिम वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से बयान दर्ज कराएंगे।

ने देश भर के राज्यों से कहा है कि वह मामले में चाइल्ड विक्टिम का डिटेल अदालत के सामने पेश करें। सुप्रीम कोर्ट को कोर्ट सलाहकार गौरव अग्रवाल ने बताया कि जयपुर में पॉक्सो का केस दर्ज है और चार बच्चे गवाह हैं जो गया में पैरेंट्स के साथ रह रहे हैं। गया में इंटरनेट सुविधा है, साथ ही जयपुर में भी इसकी दिक्कत नहीं है।

सुप्रीम कोर्ट ने इन गवाहों के बयान के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की सुविधा तैयार करने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट ने गया के जिला जज से कहा है कि वह गवाहों को होेने वाले खतरे को देखते हुए कोर्ट कैंपस में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए तय तारीख पर गवाही की इंतजाम करें और एक रिटायर जज गवाहों की पहचान को सत्यापित करेंगे।

एक और मामला दिल्ली के खजूरी खास का बताया गया जिसमें कड़कड़डूमा कोर्ट में बयान दर्ज होना है और बच्चे बिहार के सीतामढ़ी में रहते हैं। इस मामले में भी सुप्रीम कोर्ट ने उक्त आदेश पारित किया। सुप्रीम कोर्ट ने जयपुर के पॉक्सो कोर्ट के जज और कड़कड़डूमा के संबंधित अडिशनल सेशन जज से कहा है कि वह आठ हफ्ते में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए चाइल्ड विक्टिम का बयान दर्ज करे। दोनों ही मामले में चाइल्ड विक्टिम बिहार में हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने एक दिसंबर को ही देश भर के राज्यों से कहा था कि वह बताएं कि ह्यूमैन ट्रैफिकिंग के मामले में उनके राज्य में कितने बच्चे हैं जो विक्टिम और गवाह हैं। सुप्रीम कोर्ट में 12 राज्यों की ओर से जवाब दाखिल किया गया। सुप्रीम कोर्ट ने इन राज्यों से कहा है कि वह बच्चों की डिटेल पेश करें कि उनके यहां कितने बच्चे हैं जो मानव तस्करी के गवाह हैं और कोर्ट से दूर हैं।

साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने देश के अन्य राज्यों से कहा है कि जिन राज्यों ने अभी तक डिटेल नहीं दिए हैं वह डिटेल पेश करें। इसके लिए चार हफ्ते का वक्त दिया गया है। इसी बीच कोर्ट को बताया गया कि नैशनल क्राइम रेकॉर्ड ब्यूरो में ये डाटा हो सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने अडिशनल सॉलिसिटर जनरल एश्वर्य भाटी से कहा है कि वह इस मामले एनसीआरबी से डिटेल पेश करें।

साभार : नवभारत टाइम्स

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