टीकरी बॉर्डर पर आंदोलन में शामिल एक और किसान की मौत, 26 नवंबर से शामिल थे धरने पर
नए कृषि कानून पर अभी भी तकरार बना हुआ है। किसान अभी मांगों ने पीछे नहीं हट रहे और सरकार भी कानून पर बैकफुट में नहीं आ रही है। किसान संगठनों के नेता और सरकार के बीच आज भी बातचीत चल रही है। इससे पहले भी सरकार और किसानों के बीच कई दौर की बातचीत हो चुकी है मगर कोई नतीजा नहीं निकला है। इसके साथ ही आंदोलनरत किसानों की मौतों में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है। टीकरी बॉर्डर में एक और हो गई है।
आज दो किसानों की मौतदिल्ली से सटी सीमाओं पर किसान आंदोलन कर रहे हैं। टीकरी बॉर्डर में आज एक और किसान की मौत हो गई है। 60 वर्षीय किसान धन्ना सिंह 27 नवंबर से ही टीकरी सीमा पर आंदोलन में शामिल थे। आज अचानक हार्ट अटैक से उनकी मौत हो गई। धन्ना सिंह की मौत के बाद वहां उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की गई और किसानों ने उनकी मौत को शहीदी बताया।
सुबह एक किसान की मौतइससे पहले दिल्ली के टीकरी बॉर्डर पर कथित रूप से जहरीला पदार्थ खाने वाले एक किसान की बुधवार को यहां एक अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई। पुलिस ने यह जानकारी दी। पुलिस ने बताया कि मृतक की पहचान जय भगवान राणा (42) के तौर पर हुई है वह हरियाणा के रोहतक जिले में पकासमा गांव का रहने वाला था।
टीकरी सीमा पर खा लिया था जहरउन्होंने बताया कि राणा ने मंगलवार को टीकरी बॉर्डर पर प्रदर्शन स्थल पर सल्फास की गोलियां खा ली थीं। अपने कथित सुसाइड नोट में राणा ने लिखा था कि वह एक छोटा किसान है और केंद्र के नए कृषि कानून के खिलाफ बहुत से किसान सड़कों पर हैं। उसने एक पत्र में लिखा, ‘सरकार कहती है कि यह सिर्फ दो या तीन राज्यों का मामला है, लेकिन पूरे देश के किसान कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। दुखद है कि अब यह सिर्फ आंदोलन नहीं, बल्कि मुद्दों की लड़ाई बन गया है। किसानों और केंद्र के बीच बातचीत में भी गतिरोध बना हुआ।’
साभार : नवभारत टाइम्स