शिक्षा, कृषि, श्रम के क्षेत्र में सुधार छात्रों, किसानों व युवाओं को अत्यंत मदद पहुंचाएंगे: पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि उनकी सरकार द्वारा शिक्षा, कृषि और श्रम के क्षेत्र में किए गए सुधार छात्रों, किसानों और देश के युवाओं की अत्यंत मदद करेंगे। उनके मुताबिक सुधार की प्रक्रिया पहले ‘राजनीतिक सहूलियतों’ की बंधक हुआ करती थीं। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि भारत 2020 में कोरोना महामारी के दौरान दुनिया को जीवन-रक्षक दवाइयां उपलब्ध कराकर ‘विश्व के औषधालय’ के रूप में उभरा और इस दौरान अपने देश में भी दवा की कोई कमी नहीं होने दी।
45 दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं किसान मनोरमा वार्षिकांक के लिए लिखे एक आलेख में मोदी ने कहा कि तीनों क्षेत्रों में सुधार लक्षित समूहों को नए विकल्प देगा और उनका सशक्तीकरण करेगा। ज्ञात हो कि मनोरमा वार्षिकांक छात्रों के बीच खासा लोकप्रिय है। कृषि के क्षेत्र में केंद्र सरकार की ओर से किए गए सुधारों का किसानों का एक समूह भारी विरोध कर रहा है। राजधानी दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर इन कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर किसानों के संगठन पिछले 45 से अधिक दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं।
पीएम मोदी का लेखहालांकि केंद्र सरकार ने इन कानूनों को निरस्त करने की मांग खारिज कर दी है। उच्चतम न्यायालय ने फिलहाल, इन कानूनों के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी है और सरकार और किसान संगठनों के बीच गतिरोध को समाप्त करने के मकसद से एक समिति गठित कर दी है। मोदी ने आलेख में कहा, ‘विभिन्न क्षेत्रों में किए गए सुधार विकास की प्रक्रिया को मजबूत कर रहे हैं। पहले सुधार राजनीतिक सहूलियतों का बंधक हुआ करता था।’उन्होंने कहा कि भारत अब आत्मनिर्भरता के लक्ष्य की ओर तेजी से आगे बढ रहा है। उन्होंने कहा, ‘आत्मनिर्भर भारत अत्यधिक वैश्विक व्यवसाय को आकर्षित कर वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में भारत की भूमिका को मजबूत करेगा।’
‘आत्मनिर्भर भारत: ट्रांसफॉर्मिंग इंडिया’उन्होंने कहा, ‘आज भारत में रिकार्ड प्रत्यक्ष विदेशी निवेश आ रहा है।’ मोदी के इस आलेख का शीर्षक है ‘आत्मनिर्भर भारत: ट्रांसफॉर्मिंग इंडिया’। इसमें उन्होंने आत्मनिर्भर भारत को अपना सपना बताया है और कोविड-19 महामारी के दौरान उठाए गए कदमों का उल्लेख किया है। उन्होंने कहा, ‘कोविड-19 के कारण कुछ लोग कह सकते हैं कि साल 2020 बहुत परेशानियों वाला रहा लेकिन मेरा मानना है कि साल 2020 हमारे नागरिकों, समाज और देश के आंतरिक खोज के लिए याद किया जाएगा।’’
साभार : नवभारत टाइम्स