Covid-19 New Strain: कोरोना के नए रूप ने बढ़ाई टेंशन, डॉ रणदीप गुलेरिया बोले, फिलहाल देश में केस नहीं मगर अब पॉजिटिव निगेटिव के साथ सीक्वेंस भी देखना पड़ेगा

Covid-19 New Strain: कोरोना के नए रूप ने बढ़ाई टेंशन, डॉ रणदीप गुलेरिया बोले, फिलहाल देश में केस नहीं मगर अब पॉजिटिव निगेटिव के साथ सीक्वेंस भी देखना पड़ेगा
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नई दिल्ली
देशभर में कोरोना के मामले कम होते जा रहे थे। ऐसे में लग रहा था कि अब जल्दी ही सब कुछ वैसा ही हो जाएगा जैसे इस साल के शुरुआत में था। लेकिन ब्रिटेन में कोरोना वायरस के नए रूप के मिलने से पूरी दुनिया में एकबार फिर से हड़कंप मच गया है। भारत में भी इसको लेकर बैठकें हो रही हैं और बड़े फैसले लिए जा रहे हैं। कोरोना वायरस के म्यूटेशन के बारे में एम्स के डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया ने कहा है कि अभी तक देश में इस तरह का कोई भी मामला सामने नहीं आया है।

यूके ने नए म्यूटेशन को पहचाना है- गुलेरियाएम्स के डायरेक्टर ने एक टीवी न्यूज चैनल से बातचीत की। इस दौरान उन्होंने बताया कि ब्रिटेन ने कोरोना वायरस के नए म्युटेशन को ऑब्जर्व किया है। उन्होंने ये देखा है कि कोरोना का ये जो नया म्युटेशन हुआ है, जो लंदन और साउथ ब्रिटेन में पाया गया है, उन्होंने ये ऑब्जर्व किया है जहां भी ये म्युटेशन हुआ है वहां कोरोना के मामले तेजी से बढ़े हैं। तो इससे ये नतीजा निकला है कि ये ज्यादा तेजी से फैल रहा है।

ब्रिटेन ने माना, जहां स्ट्रेन हुआ वहां केस बढ़े- गुलेरियाकोरोना वायरस कई बार अपना रूप बदल चुका है। हर बार इसके रूप में परिवर्तन के कारण वैक्सीन की खोज कर रहे वैज्ञानिकों को भी काफी दिक्कत का सामना करना पड़ा था। डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने कहा कि इस बार हंगामा इसलिए ज्यादा हो रहा है क्योंकि यूके की सरकार ने माना है कि इस म्युटेशन की वजह से उनके यहां कोरोना का संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। लेकिन इसे हमें ध्यान से देखना चाहिए। उन्होंने जो कहा है कि हमने ये ऑब्जर्व किया कि जहां ये स्ट्रैन ज्यादा मिला वहां कोरोना केस भी ज्यादा रिपोर्ट हुए।

जेनेटिक सीक्वेंस देखने की भी जरूरत- डॉ रणदीपडॉ गुलेरिया का कहना था कि अभी तक भारत में इस तरह के कोई भी केस सामने नहीं आए हैं। लेकिन अब जो भी मामले आ रहे हैं उनकी टेस्टिंग बहुत जरुरी है। उन्होंने कहा कि अभी तक हम सिर्फ ये देख रहे थे कि कोई पॉजिटिव है या नहीं है। अब हमें कुछ हद तक वायरस की जेनेटिक सीक्वेंस देखने की भी जरूरत पड़ेगी। खासकर जो लोग यूके से आ रहे हैं कि उनमें किसी के अंदर नए स्ट्रेन का जेनेटिक सीक्वेंस तो नहीं है। अगर कोई ऐसा दिखता है तो तुरंत हम आइसोलेट करेंगे और सर्विलांस पर रखेंगे।

साभार : नवभारत टाइम्स

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