PM मोदी जाएंगे ढाका, बांग्लादेश की आजादी की 50वीं वर्षगांठ समारोह में होंगे शामिल
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अगले साल मार्च में बांग्लादेश का दौरा करेंगे और पड़ोस मुल्क की स्वतंत्रता और भारत-बांग्लादेश राजनयिक संबंधों की 50वीं वर्षगांठ पर होने वाले समारोहों में शिरकत करेंगे। भारत-बांग्लादेश के बीच द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन के बाद मोदी ने ट्वीट किया, “अगले साल, भारत और बांग्लादेश संयुक्त रूप से मुजीब वर्ष और हमारे राजनयिक संबंधों की स्थापना की 50 वीं वर्षगांठ मनाएंगे। मैं बंगबंधु के जीवन और आदर्शों को श्रद्धांजलि देने के लिए ढाका जाने के लिए उत्सुक हूं।”
पीएम मोदी ने कहा, “प्रधानमंत्री शेख हसीना के साथ आज के आभासी शिखर सम्मेलन के दौरान बांग्लादेश के साथ हमारे विविध संबंधों की समीक्षा करने का सम्मान हासिल हुआ। हमने बंगबंधु के सम्मान में एक डाक टिकट का अनावरण किया है और बंगबंधु-बापू संग्रहालय और चिल्हाटी-हल्दीबाड़ी रेल लिंक का उद्घाटन किया है।”
निमंत्रण स्वीकार करने के लिये मोदी को धन्यवाद: हसीना
सम्मेलन के बाद जारी एक संयुक्त बयान के अनुसार, हसीना ने मार्च 2021 में बांग्लादेश की स्वतंत्रता की 50वीं वर्षगांठ समारोह और भारत-बांग्लादेश राजनयिक संबंध के 50वें वर्ष के अवसर पर उनके देश आने का निमंत्रण स्वीकार करने के लिये मोदी को धन्यवाद दिया।
वहीं, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “अगले वर्ष बांग्लादेश आने का निमंत्रण देने के लिये धन्यवाद। आपके साथ बंगबंधु को श्रद्धांजलि अर्पित करना मेरे लिये गर्व का विषय है।”
दोनों देशों के हुए हुए समझौतेदोनों देशों के बीच हुए समझौते के तहत कृषि क्षेत्र में सहयोग को लेकर एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किये गए। इसके अलावा ढाका स्थित बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान स्मारक और राष्ट्रीय संग्रहालय, नयी दिल्ली के बीच भी एक एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए। साथ ही भारत बांग्लादेश सीईओ फोरम के संदर्भ में भी एक समझौता किया गया। मोदी और हसीना ने संयुक्त रूप से बांग्लादेश के संस्थापक मुजीबुर रहमान और महात्मा गांधी पर एक डिजिटल प्रदशर्नी का उद्घाटन किया।
बांग्लादेश हमारी ‘पड़ोस प्रथम’ नीति का एक प्रमुख स्तम्भ: पीएम मोदी
इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “बांग्लादेश हमारी ‘पड़ोस प्रथम’ नीति का एक प्रमुख स्तम्भ है। बांग्लादेश के साथ संबंधों में मजबूती और गहराई लाना मेरे लिए पहले दिन से ही विशेष प्राथमिकता रही है।” इस अवसर पर हसीना ने कहा कि भारत के साथ बांग्लादेश के संबंध ‘मील का पत्थर’ हैं और यह दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंध स्थापित होने के 50वें वर्ष से भी जुड़ रहा है। उन्होंने कहा, “कल (बुधवार) बांग्लादेश ने अपनी स्वतंत्रता के 50 वर्ष मनाए। बांग्लादेश और भारत अपने राजनयिक संबंध स्थापित होने के 50वें वर्ष में प्रवेश कर गए हैं।”
मुक्ति युद्ध के सभी शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करती हूं: पीएम हसीना
बांग्लादेश की प्रधानमंत्री ने मुक्ति युद्ध के संदर्भ में कहा कि वह उन सभी शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करती हैं, जिन्होंने अपना बलिदान दिया। वह भारतीय सशस्त्र सेना के सदस्यों और उनके परिवार के लोगों को भी नमन करती हैं। उन्होंने कहा कि वह भारत सरकार और वहां के लोगों के प्रति भी आभार प्रकट करती हैं, जिन्होंने पूरी तरह से हमारे राष्ट्र के लिये समर्थन दिया।
गौरतलब है कि यह युद्ध तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान में 25 मार्च 1971 को पाकिस्तानी सेना की दबिश के बाद शुरू हुआ था और 16 दिसंबर 1971 को समाप्त हो गया । पाकिस्तान ने हार स्वीकार कर ली थी और भारतीय सेना के समक्ष आत्मसमर्पण किया था ।
बापू और बंगबंधु की प्रदर्शनी हमारे युवाओं को प्रेरणा देगी: पीएम मोदी
मोदी ने कहा, “यह मेरे लिए गर्व की बात है कि आज आपके साथ बंगबंधु के सम्मान में एक डाक टिकट का विमोचन, और बापू और बंगबंधु के ऊपर एक डिजिटल प्रदर्शनी का उद्घाटन करने का मौका मिल रहा है। मैं आशा करता हूं कि बापू और बंगबंधु की प्रदर्शनी हमारे युवाओं को प्रेरणा देगी, इसमें विशेष खंड को कस्तूरबा गांधी जी और पूजनीय बंगमाता जी को भी समर्पित किया गया है।”
साभार : नवभारत टाइम्स