हरियाणा के बाद अब उत्तराखंड के किसानों ने किया कृषि कानूनों का समर्थन

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नई दिल्ली
एक तरफ प्रदर्शनकारी किसान तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ अपना आंदोलन तेज करने की रणनीति पर आगे बढ़ रहे हैं तो दूसरी तरफ उत्तराखंड के किसानों के एक प्रतिनिधिमंडल ने इन कानूनों का समर्थन जताया है। यह प्रतिनिधिमंडल रविवार को केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मिला और तीन नए कृषि कानूनों को किसान हितैषी बता इनके प्रति अपना पूर्ण समर्थन व्यक्त किया।

विपक्षी दलों पर बरसे उत्तराखंड के किसान
कृषि मंत्री ने बातचीत के दौरान किसानों के प्रतिनिधिमंडल से कहा कि विपक्षी दल आंदोलन की आड़ में अपनी राजनीतिक रोटियां सेंक रहे हैं। हालांकि, सिंघु बॉर्डर धरने पर बैठे उत्तराखंड के किसान नेता जसबीर सिंह ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान आरोप लगाया कि रविवार को कृषि मंत्री से किसानों की मुलाकात प्रोयजित है। उन्होंने कहा कि कृषि मंत्री से मिलने वाले 90 में से 10 किसान ऐसे हैं जिनका दूसरा काम भी है।

कृषि मंत्री ने कहा- शुक्रिया
वहीं, कृषि मंत्री ने उत्तराखंड के किसानों के प्रतिनिधिमंडल को कृषि कानूनों का समर्थन करने के लिए धन्यवाद कहा। उन्होंने कहा इन किसानों ने कानून को सही से समझा है। तोमर ने कहा, “आज उत्तराखंड से आए किसान मुझसे मिले और कृषि कानूनों के प्रति समर्थन जताया। मैं उन किसानों को धन्यवाद देता हूं जिन्होंने कानूनों को समझा, उन पर अपनी राय रखी और समर्थन जताया।”

हरियाणा के किसानों ने भी दिया है समर्थन
ध्यान रहे कि पहले भी हरियाणा के किसानों का एक समूह कृषि मंत्री से मिलकर कृषि कानूनों का समर्थन कर चुका है। किसानों ने कृषि मंत्री से मिलकर कहा कि तीनों कानून किसानों के हित में हैं और इन्हें वापस नहीं लिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार आंदोलनकारी किसानों की मांग के अनुसार कानून में सुधार करना चाहे तो उसका स्वागत है, लेकिन अगर कानून निरस्त किए गए तो वो इसके खिलाफ आंदोलन करेंगे।

उत्तराखंड के मंत्री ने की विपक्ष की आलोचना
बहरहाल, कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों पर किसानों को बरगलाने का आरोप लगाते हुए उत्तराखंड के शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने रविवार को कहा कि नए कृषि कानूनों से किसानों की आय में बेतहाशा वृद्धि होगी और वह सशक्त तथा आत्मनिर्भर होगा। एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कौशिक ने कहा कि आज कृषि कानूनों का विरोध करने वाली कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल 2014 से पूर्व इसके पक्ष में थे जो उनके लोकसभा और राज्यसभा में दिए बयानों से स्पष्ट है। कौशिक ने कहा कि किसानों पर अपनी फसल को बेचने को लेकर वर्षों से लगी बंदिशों को कृषि कानूनों के माध्यम से प्रधानमंन्त्री नरेन्द्र मोदी ने अन्नदाताओं को असली आजादी दी है। उन्होंने कहा, “लेकिन दुर्भाग्य से विपक्षी दलों द्वारा हमारे मेहनती किसानों को बरगलाने का काम किया जा रहा है।”

साभार : नवभारत टाइम्स

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