पंजाब-हरियाणा के बाद UP के किसानों ने बुलंद की आवाज, वापस नहीं हुए कृषि कानून तो…

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लखनऊ
पंजाब, हरियाणा और महाराष्ट्र के बाद अब यूपी के भी तमाम किसान संगठनों ने केंद्र सरकार के खिलाफ आंदोलन की चेतावनी दी है। यूपी के बुंदेलखंड किसान यूनियन ने गुरुवार को कहा कि अगर सरकार संसद का विशेष सत्र बुलाकर तीनों विवादित कृषि कानूनों को वापस नहीं लेगी तो मौजूदा आंदोलन को और तेज किया जाएगा। बुंदेलखंड किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष विमल कुमार शर्मा ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा पारित तीनों नए कृषि कानून किसान विरोधी हैं। इनसे किसानों का भला नहीं होगा, बल्कि उन्हें आत्महत्या के लिए मजबूर होना पड़ेगा।

उन्होंने मांग की कि सरकार संसद का विशेष सत्र तत्काल बुलाकर तीनों विवादित कृषि कानून वापस ले और एक ‘कृषि आयोग’ का गठन करे, जिसमें सिर्फ कृषि वैज्ञानिक और किसान शामिल हों। शर्मा ने बताया कि आज देर शाम बांदा शहर के जीआईसी मैदान से बुंदेलखंड़ के करीब पांच सौ किसान निजी वाहनों से दिल्ली कूच कर रहे हैं। यदि केंद्र सरकार ने इन विवादित कानूनों को वापस लेने की घोषणा नहीं कि तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा।

प्रशासन पर ‘डराने-धमकाने’ का आरोप
उन्होंने आरोप लगाया कि बांदा का जिला प्रशासन प्रयास कर रहा है कि किसानों का जत्था दिल्ली नहीं पहुंचे और किसानों में फूट डालने का भी प्रयास कर रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि इस संबंध में जिला प्रशासन बुधवार रात से ही फोन कर ‘डराने-धमकाने’ की कोशिश कर रहा है।

कई राज्यों में किसानों ने किया समर्थन
बता दें कि किसानों की मांग को लेकर दिल्ली में कई दिनों से अनिश्चितता की स्थितियां बनी हुई हैं। दिल्ली में किसानों के प्रदर्शन के कारण हरियाणा और यूपी से लगी सीमाओं पर गतिरोध की स्थितियां बन गई हैं। वहीं देश के कई अन्य राज्यों में भी किसानों की मांग का समर्थन करते हुए किसान संगठनों ने आंदोलन की चेतावनी दी है।

साभार : नवभारत टाइम्स

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