राहुल गांधी को लेकर शरद पवार का बड़ा बयान, कहा- कांग्रेस नेता में 'निरंतरता' की कमी लगती है
एनसीपी मुखिया (NCP Chief ) ने पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष और सांसद (Rahu Gandhi) को लेकर बड़ा बयान दिया है। राष्ट्रीय नेता के रूप में राहुल गांधी की साख पर टिप्पणी करते हुए पवार ने कहा कि उनमें कुछ हद तक ‘निरंतरता’ की कमी लगती है। हालांकि उन्होंने कांग्रेस नेता पर बराक ओबामा (Barack Obama) की टिप्पणियों को लेकर कड़ी आपत्ति जताई है। पवार का इंटरव्यू लोकमत मीडिया के अध्यक्ष और पूर्व सांसद विजय दर्डा ने किया है।
राहुल गांधी पर ये बोले शरद पवार
एनसीपी अध्यक्ष से जब इंटरव्यू में पूछा गया कि क्या देश राहुल गांधी को नेता मानने के लिए तैयार है, तो पवार ने कहा कि इस संबंध में कुछ सवाल हैं। उनमें निरंतरता की कमी लगती है। ओबामा ने हाल ही में प्रकाशित अपने संस्मरण में कहा था कि कांग्रेस नेता शिक्षक को प्रभावित करने के लिए उस उत्सुक छात्र की तरह लगते हैं जिसमें विषय में महारत हासिल करने के लिए योग्यता और जुनून की कमी है। इस बारे में पूछे जाने पर पवार ने कहा कि यह जरूरी नहीं है कि हम सभी के विचार को स्वीकार करें।
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ओबामा पर बोले पवार, उन्होंने उस सीमा को पार कर लिया
शरद पवार ने कहा, ‘मैं अपने देश के नेतृत्व के बारे में कुछ भी कह सकता हूं। लेकिन मैं दूसरे देश के नेतृत्व के बारे में बात नहीं करूंगा। किसी को उस सीमा को बनाए रखना चाहिए। मुझे लगता है कि ओबामा ने उस सीमा को पार कर लिया।’ कांग्रेस के भविष्य और यह पूछे जाने पर कि क्या राहुल गांधी पार्टी के लिए ‘बाधा’ बन रहे हैं तो पवार ने कहा कि किसी भी पार्टी का नेतृत्व इस बात पर निर्भर करता है कि संगठन के भीतर उन्हें कैसे स्वीकार किया जाता है।
ओबामा ने राहुल गांधी को लेकर अपनी किताब में क्या लिखा है?
पिछले दिनों अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा की नई किताब रिलीज हुई। जिसमें ओबामा ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को लेकर कई बातें कही। उन्होंने अपनी आत्मकथा ‘ए प्रॉमिस्ड लैंड’ (A promised Land) में राहुल गांधी () का ज़िक्र करते हुए उन्हें नर्वस और कम योग्यता वाला बताया। बराक ओबामा ने अपनी किताब में लिखा कि राहुल गांधी एक ऐसे छात्र हैं जिन्होंने कोर्स वर्क तो किया है और शिक्षक को प्रभावित करने के लिए उत्सुक भी रहे। लेकिन इस विषय में महारत हासिल करने के लिए या तो योग्यता नहीं है या जुनून की कमी है।
साभार : नवभारत टाइम्स